उम्मीदवारों के नामांकन जुलूस के चलते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त

निकाय चुनाव के उम्मीदवारों के नामांकन जुलूस के चलते सोमवार को पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त रही। नतीजा यह हुआ कि शहर के प्रमुख इलाके देखते ही देखते जाम की चपेट में आ गए।

By Edited By: Publish:Tue, 23 Oct 2018 03:01 AM (IST) Updated:Tue, 23 Oct 2018 12:41 PM (IST)
उम्मीदवारों के नामांकन जुलूस के चलते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त
उम्मीदवारों के नामांकन जुलूस के चलते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त

देहरादून, [जेएनएन]: सप्ताह का पहला दिन और निकाय चुनाव के उम्मीदवारों के नामांकन जुलूस के चलते पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त रही। नतीजा यह हुआ कि शहर के प्रमुख इलाके देखते ही देखते जाम की चपेट में आ गए। लोगों ने मुख्य मार्ग पर लगे जाम से बचने के लिए संपर्क मार्गो की ओर से रुख किया तो वहां भी अतिक्रमण और अव्यवस्था के चलते जाम लग गया।

सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक शहर में भीषण जाम की स्थिति रही। शाम छह बजे के बाद स्थिति थोड़ी सामान्य हुई। सोमवार को शहर में पूरे दिन ट्रैफिक सिस्टम ध्वस्त रहा। सप्ताह का पहला दिन होने की वजह से सुबह 10 बजे के करीब सड़क पर वाहनों का दबाव अधिक था। इसी बीच शहर के विभिन्न स्थानों से निकाय चुनाव के उम्मीदवारों का जुलूस निकलना शुरू हो गया। इसके चलते एस्ले हॉल चौक, घंटाघर, दर्शनलाल चौक, तहसील चौक, लैंसडौन चौक, बुद्धा चौक पूरी तरह पैक हो गया।

इन इलाकों में ट्रैफिक बाधित होने का असर थोड़ी ही देर में शहर के अन्य हिस्सों में पहुंच गया। लिहाजा हरिद्वार रोड, प्रिंस चौक, आढ़त बाजार, सहारनपुर चौक, भंडारी बाग, कांवली रोड, झंडा मोहल्ला में भी वाहनों के पहिये थम गए। इन इलाकों में घंटों ट्रैफिक रेंग-रेंगकर कर चला। कमजोर होमवर्क रहा बड़ा कारण सोमवार का प्रेशर और नामांकन जुलूस को लेकर ट्रैफिक पुलिस का होमवर्क बेहद कमजोर रहा। रविवार को पुलिस ने तीन लाइन का ट्रैफिक प्लान जारी किया था, जो यातायात पुलिस की अदूरदर्शिता जाहिर करने को काफी रहा। इसी चूक का नतीजा रहा कि शहर में सोमवार को पूरे दिन जाम की स्थिति रही।

सीएम-मंत्री मौजूद, सिस्टम गायब

भाजपा से महापौर प्रत्याशी सुनील उनियाल गामा के नामांकन जुलूस में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई मंत्री शामिल हुए। जुलूस महानगर कार्यालय से निकलकर घंटाघर, पलटन बाजार, राजा रोड होते हुए वापस नगर निगम तक पहुंचा। इस दौरान नामांकन जुलूस जिधर से भी गुजरा, वह इलाका जाम की चपेट में आ गया। इस दौरान ट्रैफिक सिस्टम नदारद था। यह स्थिति तब रही, जब सीएम समेत कई मंत्री समेत इस जुलूस में शामिल थे।

अतिक्रमण, गलत पार्किंग भी रही वजह

शहर में जाम की स्थिति को विकराल बनाने में अतिक्रमण और नो पार्किंग जोन में बेतरतीब खड़े वाहनों ने बड़ी भूमिका निभाई। नामांकन जुलूसों में आने वाले तमाम लोगों ने सड़कों पर इधर-उधर गाड़ियां खड़ी कर दी थीं और प्रमुख बाजारो में अतिक्रमण के चलते संकरी हुई सड़कों पर इस दौरान वाहनों का रेंगना भी मुश्किल हो गया।

सहारनपुर चौक से कचहरी पहुंचने में लगा आधा घंटा

जाम के चलते सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक और कचहरी तक सबसे खराब स्थिति रही। ट्रैफिक की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सहारनपुर चौक से कचहरी पहुंचने में बाइक चालकों को आधे घंटे तो चारपहिया वाहनों को 45 मिनट से एक घंटे का वक्त लग गया। जुलूसों के रूट बदलने से भी लगा जाम: चुनाव कार्यालय से राजनीतिक दलों के उम्मीदवारो को जुलूस निकालने के लिए निर्धारित रूट तय करने के बाद ही अनुमति दी गई। लेकिन, देखने में आया कि बड़े राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों से लेकर अन्य सभी ने निर्धारित रूट के साथ उन इलाकों से भी गुजरे, जो उनके रूट प्लान में था ही नहीं। नियमों की इस अनदेखी पर प्रशासन से लेकर पुलिस तक ने आंखें मूंद रखी थीं।

बोले अधिकारी

एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि  सोमवार को सड़कों पर यातायात का दबाव अधिक रहा। यातायात प्रबंधन के लिए थानों से अतिरिक्त फोर्स लगाई गई थी। यातायात पुलिस को सुनियोजित प्लान बनाने के लिए कहा गया है। 

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