भय और गुलामी से मुक्त हो बचपन: कैलाश सत्यार्थी

नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि हमारे जीवन का उद्देश्य यही होना चाहिए कि बच्चों को भय और गुलामी से मुक्त बचपन मिल हो सके।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sun, 15 Oct 2017 08:58 AM (IST) Updated:Sun, 15 Oct 2017 08:35 PM (IST)
भय और गुलामी से मुक्त हो बचपन: कैलाश सत्यार्थी
भय और गुलामी से मुक्त हो बचपन: कैलाश सत्यार्थी

ऋषिकेश, [जेएनएन]: भारत दर्शन यात्रा के तहत शनिवार को विभिन्न देशों के पर्यटकों का एक दल परमार्थ निकेतन आश्रम में जुटा। इस मौके पर आश्रम परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज व नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी ने दल के सदस्यों को बच्चों के अधिकारों के साथ पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया।

इस मौके पर परमार्थ आश्रम स्थित योग विलेज में आश्रम परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य व नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी की उपस्थिति में इस विदेशी दल ने वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी संपन्न की। इस अवसर पर सत्यार्थी ने कहा कि बच्चे ही हमारा वर्तमान और भविष्य है। इनका संरक्षण अति आवश्यक है। 

दुनिया के किसी भी बच्चे का बचपन बाल मजदूरी में न दबे इसके लिए सभी को जागरूक होना होगा। हमारे जीवन का उद्देश्य यही होना चाहिए कि बच्चों को भय और गुलामी से मुक्त बचपन मिल हो सके। आश्रम परमाध्यक्ष ने कहा कि बच्चे देश का नहीं बल्कि दुनिया का भविष्य हैं। 

आगे इस प्रकृति का संरक्षण उन्हें ही करना है। जिसके लिए जरूरी है कि पहले उनके अधिकारों का संरक्षण किया जाए, बच्चों को एक सुरक्षित व खुशहाल माहौल दिया जाए। यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि जहां भी बाल अधिकारों का हनन होते हुए देखें उसे वहीं रोकने के प्रयास करें। 

स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में दल को शिवत्व का प्रतीक रुद्राक्ष का पौधा भी भेंट किया गया। इस अवसर पर जीवा की अंतरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, जया शर्मा, नंदिनी त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

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