देहरादून: बालिका के आत्महत्या मामले में आयोग सख्त, दर्ज किए दंपती के बयान

रायपुर थाना क्षेत्र में घर पर काम करने वाली बालिका के आत्महत्या मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने इस मामले में शुक्रवार को बालिका को काम पर रखने वाले दंपती के बयान दर्ज किए।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 10:05 AM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 10:05 AM (IST)
देहरादून: बालिका के आत्महत्या मामले में आयोग सख्त, दर्ज किए दंपती के बयान
बालिका के आत्महत्या मामले में आयोग सख्त।

देहरादून, जेएनएन। देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र में घर पर काम करने वाली बालिका के आत्महत्या मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने इस मामले में शुक्रवार को बालिका को काम पर रखने वाले दंपती के बयान दर्ज किए, जिसके आधार पर एसएसपी को सात बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर भेजने के आदेश दिए हैं। 

आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि गंगोत्री विहार में घर में काम करने वाली बालिका ने बीते तीन नवंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। पुलिस ने इस मामले में आठ दिन बाद बालिका के शव को लावारिस घोषित किया। मामला संज्ञान में आने पर आयोग ने पुलिस को छह बिंदुओं पर जांच के आदेश दिए थे। जिस पर पुलिस ने दंपती के खिलाफ बाल श्रम में मुकदमा दर्ज किया।

दुष्कर्म के आरोपी किशोर को भेजा बाल संरक्षण केंद्र

वहीं, देहरादून में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित किशोर को पुलिस ने हरिद्वार स्थित बाल संरक्षण केंद्र भेज दिया है। वसंत विहार थाना प्रभारी नत्थीलाल उनियाल ने बताया कि पीडि़ता की बहन की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ पोक्सो सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पीडि़ता का मेडिकल कराने के साथ ही बयान दर्ज किए गए हैं। किशोर सैलून चलाता था। वहीं पीड़िता की उससे जान-पहचान हुई। आरोप है कि वह किशोरी को बहाने से नदी के किनारे ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। इसकी जानकारी होने पर स्वजनों ने पुलिस से शिकायत की थी।

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