महासू मंदिर हनोल में वसंत पंचमी मेले का आगाज

संवाद सूत्र, त्यूणी: जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के सिद्धपीठ महासू देवता मंदिर हनोल में सोमवार सुब

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Jan 2018 09:47 PM (IST) Updated:Mon, 22 Jan 2018 09:47 PM (IST)
महासू मंदिर हनोल में वसंत पंचमी मेले का आगाज
महासू मंदिर हनोल में वसंत पंचमी मेले का आगाज

संवाद सूत्र, त्यूणी: जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के सिद्धपीठ महासू देवता मंदिर हनोल में सोमवार सुबह से पांच दिवसीय परंपरागत वसंत पंचमी मेले की शुरुआत हो गई। महासू मंदिर में शुभ लग्नासुर सुबह नौ बजे जौ की लूंग चढ़ाने के बाद पूरे दिन नाच-गाने का दौर चला। हनोल मंदिर के अलावा बाशिक मंदिर मैंद्रथ, पवासी मंदिर ठड़ियार, चालदा महासू मंदिर थरोच व थैना मंदिर में पांच दिन तक चलने वाले बंसत पंचमी मेले का जश्न परंपरागत नृत्य के साथ धूमधाम से मनेगा। मेले में दूर-दराज क्षेत्र से बड़ी संख्या में आए लोगों ने अपने कान में जौ की लूंग लगाने के बाद महासू देवता से घर-परिवार के खुशहाली की मनौती मांगी।

जौनसार-बावर के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल महासू मंदिर हनोल की ख्याति देशभर में है। यूं तो यहां वर्षभर में कई तीज त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन हनोल मंदिर में परंपरागत तरीके से मनने वाले बंसत पंचमी पर्व की बात निराली है। मान्यतानुसार महासू मंदिर हनोल में हर साल की तरह इस बार भी वसंत पंचमी के पहले दिन सोमवार सुबह कुल पुरोहित मोहनलाल सेमवाल ने शुभ लग्नानुसार तुला राशि वाले श्रद्धालु के हाथ से मंदिर के गर्भगृह में जौ की हरियाली (जिसे स्थानीय भाषा में लूंग कहते हैं) को महासू मंदिर में चढ़ाने के बाद परिसर के चारों तरफ फेरा लगाया। इसके बाद मंदिर के कारसेवक बाजगी समाज के लोगों ने ढ़ोल-दमोऊ व रणसिघें की थाप पर हारुल गीत के साथ परंपरागत नृत्य की शानदार प्रस्तुति से महासू देवता की आराधना की। महासू मंदिर हनोल के अलावा बंगाण क्षेत्र के ठडियार स्थित पावासी महासू मंदिर, बावर क्षेत्र के बाशिक महासू मंदिर मैंद्रथ, हिमाचल के थरोच में चालदा महासू मंदिर व जौनसार के महासू मंदिर थैना में भी सोमवार सुबह जौ की लूंग चढ़ाने के बाद पांच दिवसीय वसंत पंचमी मेले का जश्न शुरू हो गया। इस दौरान बाजगी समाज के लोगों ने सुनाक व छाड़ी लगाकर महासू देवता की उत्पत्ति का बखान किया। मंदिर में अगले चार दिनों तक वसंत पंचमी मेले का जश्न धूमधाम से मनेगा। जिसमें परंपरागत नृत्य हारिया, भांड, स्वांगा व हिरन नृत्य आयोजित होगा। पांचवें दिन हिरन व स्वांगा नृत्य के साथ बंसत पंचमी मेला संपन्न होगा। वसंत पंचमी पर्व के शुभारंभ होने पर सोमवार को पहले दिन मंदिर के कारसेवक बाजगी समाज के लोगों ने हनोल, मैंद्रथ, ठडियार, थरोच व थैना मंदिर में जौ की हरियाली चढ़ाने के बाद पूरे गांव में फेरा लगाया और सभी को वसंत पंचमी मेले की बधाई दी। मेले में बावर, देवघार, जौनसार, बंगाण व हिमाचल समेत अन्य क्षेत्र से बड़ी संख्या में आए लोगों ने महासू मंदिर में मत्था टेकने के बाद घर-परिवार के खुशहाली की मनौती मांगी। इस मौके पर मंदिर समिति सचिव मोहनलाल सेमवाल, सहायक बजीर एवं पुजारी जयलाल डोभाल, राजगुरु विक्रम ¨सह, भंडारी बलवीर ¨सह, पूरणनाथ, नीटू राजगुरु, रोशनलाल, विनोद वर्मा, नारायणदास, नत्थी प्रसाद, श्यामलाल, हरपाल, जयकिशन, अनित, महेंद्र आदि मौजूद रहे।

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