परंपरागत लोक नृत्य ने मोहा मन

संवाद सूत्र, त्यूणी: जौनसार-बावर के सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल व थैना मंदिर में आयोजि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Jan 2018 08:39 PM (IST) Updated:Tue, 23 Jan 2018 08:39 PM (IST)
परंपरागत लोक नृत्य ने मोहा मन
परंपरागत लोक नृत्य ने मोहा मन

संवाद सूत्र, त्यूणी: जौनसार-बावर के सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल व थैना मंदिर में आयोजित पांच दिवसीय वसंत पंचमी मेले के दूसरे दिन मंगलवार को ग्रामीण महिलाओं ने लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति से कुल देवता की आराधना की। हालांकि शाम को मौसम खराब होने से मेले का जश्न थोड़ा फीका पड़ गया। मेले में आए लोगों ने महासू मंदिर में मत्था टेकने के बाद प्रसाद ग्रहण किया।

जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के प्रसिद्ध महासू देवता मंदिर हनोल समेत क्षेत्र के चार अन्य मंदिरों में इन दिनों वसंत पंचमी पर्व की धूम मची है। मेले के दूसरे दिन मंगलवार को मंदिर के कारसेवक बाजगी समाज के लोगों ने देव गीतों के साथ परंपरागत नृत्य की शानदार प्रस्तुति से सबका मन मोहा। जौनसार बावर में महासू देवता को सभी लोग कुल देवता के रूप में पूजते व मानते हैं। महासू मंदिर हनोल के अलावा पवासी मंदिर ठडियार, बाशिक मंदिर मैंद्रथ, चालदा महासू मंदिर थरोच-हिमाचल व जौनसार के थैना मंदिर में वसंत पंचमी के मौके पर जौनसारी परंपरागत नृत्य की धूम रही। हनोल मंदिर में बाजगी समाज के कारसेवकों ने लोगों को महासू देवता की उत्पत्ति के बारे में बताया। हर साल वसंत पंचमी के अवसर पर मंदिर के कारसेवक सुनाक व छाडी सुनाकर चार भाई महासू देवता की उत्पत्ति का बखान करते हैं। मेले में दिनभर नाच गाने का दौर चला। हालांकि शाम को मौसम बरसने से मेले का जश्न थोड़ा फीका पड़ गया। इस मौके पर सहायक बजीर एवं पुजारी जयलाल डोभाल, राजगुरु विक्रम ¨सह, नत्थी प्रसाद, श्याम लाल वर्मा, नारायण दास, विनोद वर्मा, हरपाल, नागचंद, जय किशन, गुड्डू आदि मौजूद रहे।

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