सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने दिसंबर में ली थी देश सेवा की कमान, दिसंबर में ही बलिदान

सीडीएस जनरल बिपिन रावत के जीवन में दिसंबर काफी महत्वपूर्ण रहा। यह वो महीना है। वर्ष 1978 में दिसंबर में ही जनरल रावत ने सेना में देश सेवा की कमान संभाली थी और दिसंबर में ही उन्हें सेना के उच्च पदों की जिम्मेदारी मिली।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 08:21 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 08:21 AM (IST)
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने दिसंबर में ली थी देश सेवा की कमान, दिसंबर में ही बलिदान
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के जीवन में दिसंबर काफी महत्वपूर्ण रहा।

विजय जोशी, देहरादून। देश की सेवा में हर मोर्चे पर काबिलियत और क्षमता का लोहा मनवाने वाले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के जीवन में दिसंबर काफी महत्वपूर्ण रहा। यह वो महीना है, जो उनके जीवन में आए तमाम उतार-चढ़ाव का साक्षी बना। वर्ष 1978 में दिसंबर में ही जनरल रावत ने सेना में देश सेवा की कमान संभाली थी और दिसंबर में ही उन्हें सेना के उच्च पदों की जिम्मेदारी मिली। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि दिसंबर ही उनके बलिदान का भी साक्षी बना।

सीडीएस जनरल बिपिन रावत भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग पूरी कर 16 दिसंबर 1978 को 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन हुए थे। 17 दिसंबर 2016 को वह देश के 27वें थलसेना प्रमुख नियुक्त किए गए। तीन साल तक थलसेना प्रमुख रहने के बाद 30 दिसंबर 2019 को उन्हें देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया। इस पद पर उनका कार्यकाल दिसंबर 2022 में समाप्त होना था। मगर, नियति को कुछ और ही मंजूर था और इससे एक साल पहले दिसंबर में ही काल के क्रूर हाथों ने उन्हें देश से छीन लिया।

प्रशिक्षण के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मिला स्वार्ड आफ आनर

आइएमए में प्रशिक्षण के दौरान जनरल रावत ने अपनी क्षमताओं और काबिलियत से प्रशिक्षकों का दिल जीत लिया था। प्रशिक्षण के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए उन्हें अकादमी में प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर दिया गया था।

सेना में बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके देवभूमि के कई लाल

उत्तराखंड की माटी में जन्मे कई लाल देश की सेना में बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल बीसी जोशी, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी, पूर्व रा प्रमुख अनिल धस्माना, कोस्टगार्ड के हेड रहे राजेंद्र सिंह और डीजीएमओ की जिम्मेदारी संभाल चुके ले. जनरल अनिल भट्ट का नाम शामिल है। थलसेना प्रमुख रहते हुए जनरल बीसी जोशी की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी।

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