परिजनों ने लगाया बुजुर्ग की हत्या का आरोप, दो पर मुकदमा दर्ज

बुजुर्ग की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में मोड़ आ गया है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए दो लोगों के खिलाफ रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 07 May 2019 06:04 PM (IST) Updated:Tue, 07 May 2019 06:04 PM (IST)
परिजनों ने लगाया बुजुर्ग की हत्या का आरोप, दो पर मुकदमा दर्ज
परिजनों ने लगाया बुजुर्ग की हत्या का आरोप, दो पर मुकदमा दर्ज

देहरादून, जेएनएन। एक हफ्ते पहले बुजुर्ग की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में मोड़ आ गया है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए दो लोगों के खिलाफ रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, बुजुर्ग के परिजनों का आरोप है कि मृतक की स्कूटी अब भी आरोपितों के कब्जे में है। रायपुर पुलिस ने जांच के बाद ही सही तथ्य सामने आने की बात कही है। 

प्रेरणा अथर निवासी किशनपुर, कैनाल रोड ने रायपुर थाने में तहरीर दी। उनका आरोप है कि बीते 27 अप्रैल को उनके पिता घर पर ही थे। तभी कदम सिंह नीलू और अजीत सिंह बिट्टू का उनके पास फोन आया। इसके बाद वह स्कूटी लेकर दोनों से मिलने डांडा लखौंड चले गए। शाम को विक्रम से कदम, अजीत और उनके पिता वापस आए, लेकिन फिर कहीं निकल गए और रात भर वापस नहीं आए। 

अगले दिन अजीत उनके पिता की स्कूटी लेकर घर आया। उससे पूछा कि उनके पिता कहां है तो बिना कुछ बोले स्कूटी लेकर चला गया। उधर, कदम सिंह ने बताया कि उनके पिता की मौत हो गई है और उनका शव दून अस्पताल में रखा है। अस्पताल पहुंचने पर पुलिस ने बताया कि रिंग रोड पर पुलिया नंबर छह के पास विक्रम पलटने से उनके पिता की मृत्यु हो गई है। विक्रम को कब्जे में ले लिया गया है। 

प्रेरणा ने बताया कि इस सदमे को उनकी दादी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और बीती एक मई को उनका भी देहांत हो गया। आरोपितों ने अब तक उनके पिता की स्कूटी भी नहीं वापस दी है। मामले में सीओ जया बलूनी ने बताया कि तहरीर के आधार पर कदम सिंह निवासी डांडा लखौंड व अजीत सिंह निवासी धोबीघाट रायपुर के खिलाफ हत्या, साक्ष्य मिटाने और साजिश रचने की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। विवेचना एसआइ संजय मिश्र को सौंपी गई है। 

घटनाक्रम पर उठाए सवाल 

प्रेरणा ने शनिवार को प्रकरण को लेकर एसएसपी निवेदिता कुकरेती से भी मुलाकात की थी। तब प्रेरणा ने बताया था कि जो घटनाक्रम उसे बताया गया था, उसमें कई बातें गले उतरने वाली नहीं हैं। एक तो यह कि उनके पिता कभी बिना बताए घर से बाहर नहीं रहे। जब हादसा हुआ तब उसी समय फोन कर क्यों घर वालों को नहीं बताया गया। विक्रम पलटा तो उसमें बैठे और लोग क्यों चोटिल नहीं हुए। इतना ही नहीं, उनके पिता की कलाई घड़ी बिल्कुल दुरुस्त मिली। केवल घुटनों पर हल्की चोट मिली। ऐसे मे मामला संदिग्ध प्रतीत होता है और हत्या किए जाने की ओर इशारा करता है। 

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