सड़क सुधार की जगी उम्मीद, 33 फीसद बढ़ा बजट

बजट में सड़क सुविधा बढ़ाने के लिए न सिर्फ विशेष प्रावधान किए गए हैं, बल्कि बजट में इस मद में पिछले दो सालों की अपेक्षा 33 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी की गई है।

By Edited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 09:31 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 11:53 AM (IST)
सड़क सुधार की जगी उम्मीद, 33 फीसद बढ़ा बजट
सड़क सुधार की जगी उम्मीद, 33 फीसद बढ़ा बजट

देहरादून, सुमन सेमवाल। राज्य सरकार के बजट में सड़क सुविधा बढ़ाने के लिए न सिर्फ विशेष प्रावधान किए गए हैं, बल्कि बजट में इस मद में पिछले दो सालों की अपेक्षा 33 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी की गई है।

बजटीय प्रावधान के अनुसार, सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए 240 करोड़ रुपये का इंतजाम किया जाएगा, जबकि वर्ष 2017-18 में यह राशि 180 करोड़ रुपये थी। वर्ष 2019-20 में 852 किलोमीटर मार्गों का निर्माण और करीब 1500 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही 80 पुलों का निर्माण कर 155 गांवों को संपर्क मार्गों से जोड़ा जाएगा। इस लक्ष्य को पहले की अपेक्षा करीब दोगुना बताया गया है। उम्मीद की जा रही है कि प्रस्तावित योजनाओं के निर्माण के बाद प्रदेश की राह और सुगम हो जाएगा। हालांकि, चालू योजनाओं के लिए अपेक्षाकृत कम 450 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं, जबकि लोनिवि की ओर से 1200 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तय किया गया था। ये योजनाएं अनिवार्य रूप से पूरी की जानी हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रोड नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए 360 करोड़ रुपये के प्रावधान की बात भी कही गई है। 

देश का सबसे लंबा मोटर पुल 

इसी साल बनेगा वित्त मंत्री के बजट भाषण में कहा गया है कि देश के सबसे बड़े मोटर झूला पुल 'डोबरा चांटी' का निर्माण इसी वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा। वहीं, बताया गया कि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए 200 पुलों के निर्माण की परियोजना भी तैयार की जा रही है।

सड़क सुरक्षा को मिलेंगे 14 करोड़, ब्लैक स्पॉट पर काम

राज्य सरकार के बजट में सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। लक्ष्य तय किया गया है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जाएगी और इसे वर्ष 2016-17 के मुकाबले काफी कम किया जाएगा। बजट में सड़क सुरक्षा के लिए 14 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह बजट परिवहन विभाग, पुलिस व लोक निर्माण विभाग के माध्यम से खर्च किया जाएगा। तीनों विभाग आपसी समन्वय बनाकर ब्लैक स्पॉट काम चिह्नीकरण करेंगे और फिर उसे दुरुस्त करने के काम किए जाएंगे। वर्तमान में भी प्रदेशभर में सैकड़ों ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए हैं और इसके साथ ही अंधे मोड़ों का भी चिह्नीकरण किया गया है।

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