देहरादून के SSP कार्यालय में मृत पाए गए दो कौए, Bird Flu की आशंका के बीच जांच को भेजे सैंपल

Bird Flu Alert दून के एसएसपी कार्यालय परिसर में दो कौए मृत पाए गए हैं। बर्ड फ्लू की आशंका के बीच उनके सैंपल जांच को भेज दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 02:11 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 09:32 PM (IST)
देहरादून के SSP कार्यालय में मृत पाए गए दो कौए, Bird Flu की आशंका के बीच जांच को भेजे सैंपल
देहरादून के SSP कार्यालय में मृत पाए गए दो कौए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Bird Flu Alert वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में दो कौए मृत पाए गए। बर्ड फ्लू की आशंका के बीच वन विभाग की टीम ने शव सील कर जांच के लिए सैंपल ले लिए हैं। हालांकि, अभी तक उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान ने बताया कि मंगलवार को उन्हें एसएसपी कार्यालय से सूचना मिली कि परिसर में दो मृत कौए पड़े हैं। जिस पर मुख्यालय से रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया। टीम ने शव को कब्जे में ले लिया है। अब सैंपल जांच को भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

उधर, देश मे बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पोंग डैम जलाशय क्षेत्र में 2300 प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है और इन सभी की मौत का कारण एवियन इन्फ्लूएंजा बताया जा रहा है। इसको देखते हुए एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने वहां मुर्गे-मुर्गी के मीट की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा केरल में भी बर्ड फ्लू से 12,000 बत्तखों की मौत हो गई। वहीं भोपाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज ने पुष्टि की है कि राजस्थान के झालावाड़ में कौओं की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है। सोमवार को ये आंकड़ा 522 तक पहुंच गया। इसके अलावा, जोधपुर में एक बगुले और चार कौओं की मौत बर्ड फ्लू से हो चुकी है। इसे देखते हुए उत्तराखंड में भी वन विभाग ने अलर्ट घोषित कर दिया है।

देहरादून जू में चिकन और अंडा बंद

मालसी स्थित देहरादून जू में बर्ड फ्लू के अलर्ट के बाद चिकन और अंडा बंद कर दिया गया है। हालांकि, यहां चिकन बेहद कम मात्रा में ही मंगाया जाता था। जू के चिकित्सक राकेश नौटियाल ने बताया कि विश्व में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद यहां करीब एक सप्ताह पूर्व चिकन और अंडा बंद कर दिया गया था। बताया कि गुलदार और मगरमच्छ समेत अन्य मांसाहारी जीवों को मटन और बीफ ही अधिक दिया जाता है। चिकन बेहद कम मात्रा में मंगाया जाता है। इसके अलावा अंडा भी पक्षियों में कैल्सियम और प्रोटीन की कमी दूर करने के लिए मंगाया जाता था। 

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