पहाड़ी से गिरकर भालू की मौत, राजाजी टाइगर रिजर्व के गौहरी रेंज से बरामद हुआ शव

राजाजी टाइगर रिजर्व में एक भालू का शव मिलने से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि भालू के सिर पर चोट लगी हुई।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 02:04 PM (IST) Updated:Wed, 13 May 2020 02:04 PM (IST)
पहाड़ी से गिरकर भालू की मौत, राजाजी टाइगर रिजर्व के गौहरी रेंज से बरामद हुआ शव
पहाड़ी से गिरकर भालू की मौत, राजाजी टाइगर रिजर्व के गौहरी रेंज से बरामद हुआ शव

ऋषिकेश(देहरादून) जेएनएन। राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज के अंतर्गत फूल चट्टी के समीप एक भालू का शव बरामद किया गया। भालू की मौत पहाड़ी से गिरकर हुई। डिप्टी डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को जला दिया गया।

दरअसल राजाजी टाइगर रिजर्व के गौहरी रेंज के अंतर्गत फूल चट्टी से आगे पहाड़ी क्षेत्र में गंगा के समीप एक भालू के मृत होने की सूचना किसी व्यक्ति रेंज अधिकारी धीर सिंह को दी। रेंज अधिकारी ने बताया कि बुधवार की सुबह विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया। वहां पलेल गांव कक्ष संख्या एक मराल बीट के अंतर्गत इस नर भालू का शव बरामद किया गया।

भालू की उम्र करीब 16 वर्ष है। यह नर भालू काफी बूढ़ा हो गया था। दो दिन पहले इसकी मौत पहाड़ी से गिरकर होनी बताई गई है। रेंज अधिकारी के मुताबिक लॉकडाउन के कारण आसपास लोगों का आना-जाना भी बंद है। जिस कारण इस हादसे की सूचना नहीं मिल पाई। 

भालू के शव को कुनाऊ अतिथि गृह पहुंचाया गया। सूचना पाकर प्रभारी उपनिदेशक और डीएफओ देहरादून राजीव धीमान, वार्डन एलपी टमटा यहां पहुंचे। पार्क की टीम में शामिल डॉ अदिति और डॉ राकेश नौटियाल ने भालू के शव का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान भालू के सभी अंग सुरक्षित पाए गए। फिलहाल, भालू के शव को वहीं जला दिया गया है।

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उत्तराखंड में आक्रमक हुए भालू 

लॉकडाउन के दरम्यान उत्तराखंड में भालू ज्यादा आक्रामक हुए हैं। आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में हुई वन्यजीवों के हमले की 11 घटनाओं में छह भालू की हैं। शेष गुलदार और जंगली सूअर के हमले हैं। इन हमलों में एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी, जबकि 14 घायल हुए हैं। इसने वन्यजीव महकमे की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर, भालू के बढ़ते हमले चिंता का विषय बने हैं। इस सबके मद्देनजर सभी वन प्रभागों को वन्यजीवों के हमलों के कारणों की पड़ताल कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को प्रभागवार कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा गया।

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