JEE Advanced 2020 Result: जेईई-एडवांस्ड में छाए दून के होनहार, दून के बशार अहमद ने एडवांस्ड में हासिल की ऑल इंडिया 320 रैंक
JEE Advanced 2020 Result ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस्ड में शहर के कई होनहारों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। जेईई-मेन के उत्तराखंड टॉपर रहे दून के बशार अहमद ने एडवांस्ड में ऑल इंडिया 320 रैंक हासिल की है। उन्हें 249/396 अंक हासिल हुए हैं।
देहरादून, जेएनएन। JEE Advanced 2020 Result ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस्ड में शहर के कई होनहारों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। जेईई-मेन के उत्तराखंड टॉपर रहे दून के बशार अहमद ने एडवांस्ड में ऑल इंडिया 320 रैंक हासिल की है। उन्हें 249/396 अंक हासिल हुए हैं। बशार आइआइटी बांबे या कानपुर में किसी एक से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं।
देहरादून के साईं लोक कॉलोनी, जीएमएस रोड निवासी बशार ने इसी साल द टोंसब्रिज स्कूल से 12वीं की है। 12वीं में उनके 97.25 फीसद अंक थे। ब्राइटलैंड्स स्कूल से 97 फीसद अंकों के साथ बशार ने दसवीं की। उनके पिता अतीक अहमद ओएनजीसी में महाप्रंबधक और मां हिना ग्रहणी हैं। बशार के बड़े भाई बिलाल बंगलुरू में एक आइटी कंपनी के साथ काम करते हैं। उन्होंने वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआइटी) से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है। बशार बताते हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी और नियमित आठ से दस घंटे पढ़ाई की। जिसका फल उन्हें इस रूप में मिला है। पढ़ाई के अलावा बशार को क्रिकेट, संगीत और फिल्में देखना पसंद हैं। वह बताते हैं कि पढ़ाई के बीच खुद को रिफ्रेश करने के लिए वह ज्यादातर संगीत सुनते हैं।
वैज्ञानिक बनना चाहते हैं आर्यमान सेठ
भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के नार्थ वेस्टर्न फ्रंटियर के आइजी दीपम सेठ के बेटे आर्यमान मिहिर सेठ ने जेईई-एडवांस्ड में ऑल इंडिया 309 रैंक हासिल की है। आर्यमान आइआइटी से पढ़ाई करने के बाद भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में शोध कर वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई नंदा की चौकी स्थित द टोंसब्रिज स्कूल से की है। 12वीं की बोर्ड परीक्षा में भी आर्यमान ने 99.4 फीसद अंक हासिल किए थे। उनके बड़े भाई शुभांकर सेठ भी आइआइटी बांबे से इंजीनियरिंग की है। मां गौरी सेठ अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं। आर्यमान का कहना है कि कभी भी वह घंटों के हिसाब से तैयारी नहीं करते थे, बल्कि ऐसा टाइमटेबल बनाते थे, जिसमें खेल और अन्य गतिविधियां भी शामिल रहे।