बच्चियों को एनजीओ को सौंपने से सुनवाई बाधित

जागरण संवाददाता, देहरादून: बाल श्रम से मुक्त कराकर राजकीय बालिका निकेतन में रखी गई दो बच्चियों

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 May 2018 03:17 AM (IST) Updated:Mon, 14 May 2018 03:17 AM (IST)
बच्चियों को एनजीओ को सौंपने से सुनवाई बाधित
बच्चियों को एनजीओ को सौंपने से सुनवाई बाधित

जागरण संवाददाता, देहरादून: बाल श्रम से मुक्त कराकर राजकीय बालिका निकेतन में रखी गई दो बच्चियों को नियम विरुद्ध एक एनजीओ को सौंपे जाने से मामले की सुनवाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। जिला बाल कल्याण समिति की कोर्ट में संबंधित मामले में सुनवाई चल रही है। समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा ने एनजीओ को दोनों बच्चियों को समिति को सौंपने के आदेश जारी किए थे, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। अब उन्होंने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी को पूरे प्रकरण की जानकारी दी है। साथ ही बच्चियों को समिति के सुपुर्द कराने का आग्रह किया है।

दरअसल, एक माह पूर्व बाल श्रम के दो अलग-अलग मामलों में 10 व 11 वर्ष की दो बच्चियों को मुक्त कराया गया था। इसके बाद दोनों बच्चियों को बालिका निकेतन में रखा गया था। दस दिन पूर्व बालिका निकेतन प्रशासन ने समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा को बिना बताए बच्चियों को एक एनजीओ को सौंप दिया था। नौ मई को समिति की अध्यक्ष ने एनजीओ को बच्चियों को समिति को सौंपने के आदेश जारी किए थे। लेकिन, अभी तक एनजीओ ने बच्चियों को नहीं सौंपा है। आदेश का पालन न होने पर अब समिति की अध्यक्ष कविता शर्मा को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग से गुजारिश करनी पड़ी है। उन्होंने आयोग के अध्यक्ष खंडूड़ी से कहा है कि बच्चियों को एनजीओ को सौंपे जाने से बाल श्रम के गंभीर मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है। यह भी आशंका जताई है कि आरोपित पक्ष बच्चियों पर बयान बदलने का दबाव भी बना सकता है। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष की ओर से दो बच्चियों को नियम विरुद्ध एनजीओ को सौंपे जाने की जानकारी मिली है। आयोग पूरे प्रकरण की जानकारी ले रहा है। इसके बाद विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे।

योगेंद्र खंडूड़ी, अध्यक्ष, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग।

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