ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला पुल का विकल्प बनेगा बजरंग सेतु, पढ़िए पूरी खबर

तीर्थनगरी को पहचान दिलाने वाले एतिहासिक लक्ष्मणझूला सेतु के विकल्प के रूप में गंगा नदी पर शीघ्र ही बजरंग सेतु का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प के तौर पर बजरंग सेतु बनाने की घोषणा की।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 21 Nov 2020 07:05 AM (IST) Updated:Sat, 21 Nov 2020 07:05 AM (IST)
ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला पुल का विकल्प बनेगा बजरंग सेतु, पढ़िए पूरी खबर
लक्ष्मणझूला पुल विकल्प के रूप में लोनिवि द्वारा तैयार किया गया नए पुल का मॉडल।

ऋषिकेश, जेएनएन। तीर्थनगरी को पहचान दिलाने वाले एतिहासिक लक्ष्मणझूला सेतु के विकल्प के रूप में गंगा नदी पर शीघ्र ही बजरंग सेतु का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुनिकीरेती व स्वर्गाश्रम के बीच गंगा नदी पर बने जानकी सेतु के लोकार्पण के अवसर पर लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प के तौर पर बजरंग सेतु बनाने की घोषणा की। 

गंगा नदी पर तपोवन के नीचे लक्ष्मणझूला सेतु का निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1927 से 29 के बीच किया गया था। विगत वर्ष लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के बाद इस पुल को आवाजाही के लिए असुरक्षित मानते हुए प्रशासन ने इस पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया था। जिसके बाद से ही लक्ष्मणझूला पुल के नए विकल्प के लिए कसरत शुरू हो गई थी। हालांकि नए पुल के लिए लोक निर्माण विभाग डीपीआर तैयार कर चुका है और प्रदेश सरकार ने इसे केंद्रीय सड़क निधि में प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति के लिए भेज दिया है। 

अब तक यह तो तय था कि लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प के रूप में नया पुल बनाया जाएगा। मगर, शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बकायदा इस प्रस्तावित पुल का नामकरण बजरंग सेतु के रूप में करते हुए इसकी विधिवत घोषणा भी कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में गंगा नदी पर लक्ष्मणझूला, रामझूला और अब जानकी सेतु पुल के साथ राम दरबार के अहम किरदार हनुमानजी की कमी महसूस हो रही है। लिहाजा लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प के रूप में जो नया सेतु बनेगा, वह बजरंग सेतु कहलाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजरंग सेतु भी थ्री लेन का सेतु होगा। जिसमें बीच में वाहनों की आवाजाही हो सकेगी। जबकि दोनों ओर के पैदल लेन कांच से बने होंगे। इस सेतु को स्टेट ऑफ आर्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा, जो अपने आप में अभिनव कलाकृति होगी। उन्होंने कहा कि यह पुल यहां आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। 

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ मार्ग पर सिंगठाली के समीप मोटर पुल व बैराज-चीला मार्ग पर बीना नदी में भी मोटर पुल के लिए बजट स्वीकृत करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने जाजल-शिवपुरी मोटर का अवशेष निर्माण कार्य पूर्ण करने, मुनिकीरेती में पांच किलोमीटर विभिन्न सड़कों के पुनर्निर्माण, मुन्नाखाल-त्यूंण मोटर मार्ग, उतींडा, नीलकंठ मार्ग के निर्माण की भी घोषणा की। 

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