अनशन से उठाने पर पुलिस से भिड़ीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पढ़िए पूरी खबर

अनशन पर बैठी दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस अनशन से उठाने पहुंच गई। इस पर अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गईं। दोनों पक्षों में काफी देर तक नोकझोंक हुई।

By Edited By: Publish:Sun, 12 Jan 2020 08:54 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 07:47 AM (IST)
अनशन से उठाने पर पुलिस से भिड़ीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पढ़िए पूरी खबर
अनशन से उठाने पर पुलिस से भिड़ीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। तीन दिन से बेमियादी अनशन पर बैठी दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस अनशन से उठाने पहुंच गई। इस पर अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गईं। दोनों पक्षों में काफी देर तक नोकझोंक हुई। हालांकि, पुलिस ने विरोध को दरकिनार कर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जबरन उठाकर दून अस्पताल भेज दिया। वहीं, दूसरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का अनशन जारी है।

आगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका मिनी कर्मचारी संगठन के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक माह से भी ज्यादा वक्त से परेड ग्राउंड में धरने पर बैठी हैं। मानदेय 18 हजार रुपये करने समेत 10 सूत्रीय मांगें मनवाने के लिए प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सरकार ने अब तक सुध नहीं ली है। इससे नाराज दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सविता शर्मा और शशि थापा शुक्रवार को बेमियादी अनशन पर बैठ गईं।

रविवार को दोपहर करीब ढाई बजे सविता की तबीयत अचानक खराब हो गई। पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए अनशन से उठाने की कोशिश की तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विरोध करने लगीं। किसी तरह पुलिस ने सविता को अनशन से उठा दिया। जबकि शशि थापा धरनास्थल से नहीं उठीं। इससे नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। 

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उन्होंने कहा कि दो कार्यकर्ताओं के अनशन से ही सरकार डर गई है। अभी तो हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनशन के लिए तैयार हैं। संगठन की अध्यक्ष रेखा नेगी ने अनशन से जबरन उठाए जाने को सरकार की हताशा बताया। प्रदेश महामंत्री सुमति थपलियाल ने कहा कि जब तक मागों का निस्तारण नहीं हो जाता, आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर सुनता बेलवाल, विमला कोहली, विमला गैरोला, मीनाक्षी रावत, लक्ष्मी, रेखा, ज्योति बाला आदि मौजूद रहीं।

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