उत्तराखंड के इतिहास से रूबरू होंगे पीठासीन अधिकारी

देश के सभी राज्यों की विधानसभा और विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों के दून में होने वाले अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान वे उत्तराखंड के इतिहास से भी रूबरू होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 08:49 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 06:11 AM (IST)
उत्तराखंड के इतिहास से रूबरू होंगे पीठासीन अधिकारी
उत्तराखंड के इतिहास से रूबरू होंगे पीठासीन अधिकारी

राज्य ब्यूरो, देहरादून: देश के सभी राज्यों की विधानसभा और विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों के दून में होने वाले अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान वे उत्तराखंड के इतिहास से भी रूबरू होंगे। इस दरम्यान उन्हें डॉक्यूमेंट्री के जरिये राज्य के गठन से लेकर अब तक के सफर की जानकारी दी जाएगी। इस बीच बुधवार को विधानसभा में आयोजित बैठक में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने 17 से 21 दिसंबर तक होने वाले सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि व्यवस्था में किसी प्रकार की कोई कमी न रहने पाए।

विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने बताया कि राज्य में पहली मर्तबा देश के पीठासीन अधिकारियों का यह सम्मेलन हो रहा है। इस दौरान पीठासीन अधिकारियों को डाक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएगी, जिसमें उत्तराखंड आंदोलन से लेकर राज्य के गठन और राज्य बनने के बाद से अब तक के सफर पर तफसील से रोशनी डाली गई है। इससे यहां आने वाले अतिथि राज्य के बारे में गहराई से जान सकेंगे।

उधर, विधानसभा में सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा बैठक में अग्रवाल ने कहा कि यह सम्मेलन हम सबके लिए एक जिम्मेदारी का विषय है। लिहाजा, राज्य की अतिथि देवो भव: की परंपरा का सभी अधिकारी निर्वह्न करें। अतिथियों के साथ तैनात समन्वयक अधिकारी अपने राज्य से जुड़ी हर जानकारी का अध्ययन कर लें।

बैठक में विस सचिव जगदीश चंद ने बताया कि अभी तक 21 राज्यों के विस अध्यक्ष, पांच राज्यों के विधान परिषदों के सभापति, 27 राज्यों के विस उपाध्यक्ष व दो राज्यों के विधान परिषदों के उपभापति और 25 राज्यों के विस सचिवों की सम्मेलन को सहमति मिल चुकी है। उन्होंने अतिथियों के साथ समन्वय अधिकारियों की ड्यूटी समेत अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी।

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