रैगिंग हुई तो प्रबंधन पर दोहरी कार्यवाही
विकास गुसाई, देहरादून
प्रदेश में अब रैगिंग की घटना पर केवल आरोपी ही नहीं, बल्कि शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान भी कार्रवाई की जद में रहेंगे। इन मामलों में अब संस्थान के प्रबंधन के खिलाफ भी मुकदमें दर्ज किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के बाद अब प्रदेश पुलिस इस दिशा में कदम उठा रही है। इसके लिए एक एडवाजरी तैयार कर इसे सभी शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थानों को भेजा जाएगा।
प्रदेश में देहरादून, हरिद्वार व नैनीताल आदि जिलों में विगत कुछ वर्षो में बड़ी संख्या में शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। विशेषकर देहरादून तो तेजी से पूरे देश में एक एजुकेशन हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। यहां बड़ी संख्या में डे व बोर्डिग स्कूल कालेज संचालित हो रहे हैं। इन शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थानों में समय-समय पर रैगिंग की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी रैगिंग को लेकर सख्त रुख अपनाया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के क्रम में अब प्रदेश पुलिस एक विस्तृत एडवाजरी जारी करने जा रही है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि सभी शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थानों को रैंगिग के संबंध में शुरुआती दौर से ही कड़े कदम उठाने होंगे। इसके लिए संस्थानों के परिसर में पोस्टर लगाने के साथ ही छात्रों को इस विषय में जागरूक करना होगा। इसके अलावा संस्थान स्तर पर इसके लिए एक कमेटी का भी गठन करना होगा। नए छात्रों का उत्पीड़न न हो, इसके लिए संस्थानों को ही जिम्मेदारी तय करनी होगी। इसके बावजूद यदि कहीं से रैगिंग की शिकायत आती है तो फिर प्रबंधन भी कार्यवाही की जद में आएगा। प्रबंधन पर इसके लिए दो मुकदमें दर्ज किए जाएंगे। पहला एडवाइजरी को लागू न करने और दूसरा इस पर लापरवाही करने का होगा। इसके अलावा एडवाजरी में रैगिंग रोकने के लिए तमाम अन्य बिंदु भी शामिल किए जा रहे हैं।
डीजीपी बीएस सिद्धू ने बताया कि प्रदेश में शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषकर देहरादून में। हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के साथ रैगिंग के सबसे अधिक मामले देखने को मिले हैं। ऐसे में अब इस सिलसिले में एक एडवाजरी जारी की जा रही है। इसका अनुपालन न करने वाले संस्थानों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।