उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ खुलकर टिप्पणी करना शिक्षकों को पड़ेगा भारी, नजर रखने के निर्देश

उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ खुलकर टिप्पणी करना शिक्षकों को महंगा पड़ेगा। उनके खिलाफ आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई होगी। शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने अधीनस्थ अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 10:05 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 10:05 AM (IST)
उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ खुलकर टिप्पणी करना शिक्षकों को पड़ेगा भारी, नजर रखने के निर्देश
उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ खुलकर टिप्पणी करना शिक्षकों को पड़ेगा भारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में सरकार के खिलाफ खुलकर टिप्पणी करना शिक्षकों को महंगा पड़ेगा। उनके खिलाफ आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई होगी। शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने अधीनस्थ अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।

शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने मंगलवार को विभागीय अधिकारियों और सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने विभाग में लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों पर नजर रखने को कहा गया जो सरकार के खिलाफ इंटरनेट मीडिया या अन्य माध्यम से टिप्पणी करते हैं। उन्होंने कहा कि कई जगह से विभाग को ऐसी शिकायत मिली हैं। कार्मिक नियमावली में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी कार्मिक सरकार के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करेगा।

ऐसे कार्मिक पर आचरण नियमावली के नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिक्षा निदेशक ने विभाग में लंबित पेंशन प्रकरण, पीएफ, जीएफ समेत शिक्षकों की अन्य समस्याओं का निदान 15 दिन के भीतर करने के निर्देश दिए। एक हफ्ते के भीतर प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति करने के लिए शिक्षकों की गोपनीय आख्या मांगी। बैठक में कोर्ट केस के मामलों का भी निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 15 दिन के बाद फिर से वह सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर दिए गए निर्देशों की समीक्षा करेंगी। शिक्षा निदेशक ने कहा कि 22 जुलाई को 350 एलटी और प्रवक्ता शिक्षकों की हेड मास्टर पदों के लिए डीपीसी भी हो जाएगी।

वंचित शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने की मांग

राजकीय शिक्षक संघ ने मंगलवार को कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत से मुलाकात की। संघ के प्रदेश महामंत्री डा. सोहन सिंह माजिला ने कोटद्वार में 2005 में उपचुनाव आचार संहिता के चलते पुरानी पेंशन से वंचित शिक्षकों को जल्द पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कई शिक्षकों के अलग- अलग प्रकरण लंबित हैं। सभी शिक्षकों के प्रकरणों पर प्रकाश डालने के लिए उन्होंने हरक सिंह से बैठक का समय मांगा। काबीना मंत्री ने उन्हेंं जल्द बैठक बुलाने का आश्वासन दिया। कैबिनेट मंत्री डा. रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित कर कोटद्वार उपचुनाव के चलते पुरानी पेंशन से वंचित शिक्षक- कर्मचारियों के मामले का निस्तारण करना तय किया गया है।

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