40 लाख रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी का आरोपित धरा

पंजाब नेशनल बैंक की टैगोर विला शाखा में 40 लाख रुपये के लोन धोखाधड़ी के मामले में आरोपित को कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित आठ महीने से फरार चल रहा था। मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 03:20 PM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 03:20 PM (IST)
40 लाख रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी का आरोपित धरा
लोन धोखाधड़ी के मामले में आरोपित को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

देहरादून, जेएनएन। पंजाब नेशनल बैंक की टैगोर विला शाखा में 40 लाख रुपये के लोन धोखाधड़ी के मामले में आरोपित को कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित आठ महीने से फरार चल रहा था।

पुलिस के अनुसार, मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। उनका आरोप था कि इसरार अली इंटरप्राइजेज सेलाकुई ने वर्ष 2018 में शाखा से अपनी फर्म के नाम से 40 लाख का लोन लिया था। बतौर गारंटर पुष्पा अधिकारी के मकान की रजिस्ट्री बंधक रखी गई थी, लेकिन जब लोन की क़िस्त जमा नही हुई तो बैंक ने पुष्पा अधिकारी को नोटिस भेजा। पुष्पा अधिकारी ने बैंक में आकर बताया कि उनके द्वारा कोई लोन नहीं लिया गया है और मकान का मूल विक्रय पत्र उनके पास सुरक्षित है। इसके पश्चात शाखा प्रबंधक ने इसरार अली इंटरप्राइजेज के मालिक इसरार अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

कोतवाल एसएस नेगी ने बताया कि इसरार को शुक्रवार को कबाड़ी गली के पास से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के खिलाफ जनपद के अन्य थानों में भी मुकदमे दर्ज हैं। उसे शनिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ऐसे मकान एवं जमीन की तलाश करता हैं, जो लोग बेचना चाहते हैं। जमीन एवं प्लॉट खरीदने के नाम पर संबंधित मालिकों से जमीन एवं मकान के कागजात चेक कराने के लिए और आईडी मांगते हैं तथा उसी से हुबहू दस्तावेज तैयार कर बैंकों से फर्जी तरीके से लोन प्राप्त करते हैं।

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लोन चुकाने से पहले बेच दिया मकान

रायपुर थाना क्षेत्र की एक महिला पर बैंक का लोन चुकाने से पहले ही मकान बेचने का आरोप है। बैंक की ओर से कोर्ट में दी गई शिकायत के आधार पर रायपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि ऋतु आहूजा और उनके पति ने एमडीडीए कॉलोनी चंदर रोड में मकान लिया था। इसके लिए उन्होंने साढ़े नौ लाख रुपये उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से लोन लिया। लेकिन, लोन चुकाने से पहले ही इस मकान को बेच दिया। बैंक को जब इसका पता चला तो उन्होंने कोर्ट से शिकायत की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।

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