कैबिनेट: उत्तराखंड में 9259 राशन की दुकानें बनेंगी सीएससी

त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल की शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में कुल 11 बिंदुओं पर निर्णय लिया गया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 12 Jan 2018 10:58 PM (IST) Updated:Fri, 12 Jan 2018 11:15 PM (IST)
कैबिनेट: उत्तराखंड में 9259 राशन की दुकानें बनेंगी सीएससी
कैबिनेट: उत्तराखंड में 9259 राशन की दुकानें बनेंगी सीएससी

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की 9259 राशन की दुकानें अब कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) में तब्दील होंगी। इन सीएससी से अब सरकारी सस्ता राशन के साथ ही जाति, आय, निवास, चरित्र, पेंशन, जन्म-मृत्यु के प्रमाणपत्रों के साथ ही बिजली, पानी, पासपोर्ट, पैनकार्ड व मोबाइल रिचार्ज की सुविधा आम लोगों को उपलब्ध होगी। 

साथ में कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए आधार से जुड़ा डिजी पे सेवा भी दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सस्ते खाद्यान्न की सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में देने के बाद राशन की दुकानों के सामने पैदा हुए संकट के समाधान के लिए उक्त महत्वपूर्ण फैसला लिया है। वहीं पंचेश्वर बांध परियोजना से प्रभावितों के पुनर्वास व पुनर्विस्थापन नीति को पुख्ता बनाने को सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की गई है। 

त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल की शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में कुल 11 बिंदुओं पर निर्णय लिया गया। कैबिनेट के फैसलों को ब्रीफ करते हुए सरकारी प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राशन की दुकानों में ई-पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें लगाने के बजाए उन्हें सीएससी के रूप में विकसित किया जाए। 

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। यह तय किया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के कंप्यूटरीकरण के तहत राज्य की सभी राशन की दुकानों को सीएससी के माध्यम से लैपटॉप, प्रिंटर व बायोमेट्रिक डिवाइस लगाई जाएगी। इससे पीडीएस के तहत वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न को पारदर्शिता के साथ लाभार्थी को मुहैया कराया जा सकेगा।

गुजरात का प्रयोग दोहराया

गुजरात व कर्नाटक में कामयाब हुए इस प्रयोग को अब उत्तराखंड में दोहराने का निर्णय गया है। सीएससी में अन्य सेवाएं मुहैया कराने से दुकान संचालकों की आमदनी में इजाफा होगा। जाति, आय, निवास समेत तमाम प्रमाणपत्र व अन्य सुविधाएं सीएससी के जरिये दूरदराज के उपभोक्ताओं को मिल सकेंगी। राज्य सरकार इस फैसले के जरिये केंद्र सरकार के कैशलेस इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण कर सकेगा। इसके लिए अर्बन सीलिंग के तहत धौलास गांव में प्राधिकरण को 1.50 हेक्टेयर भूमि मुफ्त देने का निर्णय भी लिया गया है। 

पंचेश्वर बांध पुनर्वास नीति होगी तैयार

पंचेश्वर बांध परियोजना में 134 गांवों के 31023 प्रभावित परिवारों के पुनर्वास नीति को केंद्र की ओर से भेजे गए मसौदे पर विचार करने को मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। इस समिति के अध्यक्ष काबीना मंत्री सतपाल महाराज होंगे, जबकि सदस्यों में काबीना मंत्री प्रकाश पंत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक शामिल किए गए हैं। इस समिति की पहली बैठक 20 जनवरी को होगी। उपसमिति अपनी रिपोर्ट मंत्रिमंडल को सौंपेगी। इसके बाद नीति के मसौदे को अंतिम रूप देकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इस परियोजना में 22 गांव पूरी तरह और 112 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। 

विधायक निधि नहीं होगी लैप्स

वहीं विधायक निधि में एक करोड़ की वृद्धि के फैसले पर मंत्रिमंडल ने एक बार फिर मुहर लगाई। यह तय किया गया कि विधायकों को अब 2.75 करोड़ के स्थान पर 3.75 करोड़ विधायक निधि मिलेगी। काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि उक्त संबंध में पहले जारी शासनादेश में अब संशोधन का निर्णय लिया गया है। पहले जारी आदेश में विधायक निधि चालू वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं होने की स्थिति में लैप्स होने का प्रावधान शामिल था। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि विधायक निधि की राशि लैप्स नहीं होगी। इसे अगले वित्तीय वर्ष में खर्च किया जा सकेगा।

श्रीकेदारनाथ मंदिर दर्शन में बाधा हटेगी

केदारनाथ धाम में एमआइ-26 हेलीपैड से श्री केदारनाथ मंदिर के दर्शन में अड़चन बन रहे तीर्थ-पुरोहितों के निर्माणाधीन तीन-चार भवनों के कुछ भाग को ध्वस्त करने पर भी सहमति बनी है। वहीं उत्तराखंड सूचना आयोग में वर्ष 2005 से प्रतिनिुयक्ति पर कार्यरत पांच कार्मिकों को अब आयोग में ही समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए उत्तराखंड सूचना आयोग में सहायक लेखाकार व सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर संविलियन नियमावली को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने देहरादून जिले के सौड़ा सरोली में सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के भवन निर्माण के लिए 0.028 हेक्टेयर भूमि मुफ्त जन शिक्षा समिति को देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में ग्राम पंचायत की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। 

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