दीक्षा समारोह में 45 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण, 44 को मिला रजत

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षा समारोह में 45 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल तथा 44 छात्र-छात्राओं को सिलवर मेडल से सम्मानित किया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 03 Nov 2019 07:07 PM (IST) Updated:Sun, 03 Nov 2019 07:07 PM (IST)
दीक्षा समारोह में 45 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण, 44 को मिला रजत
दीक्षा समारोह में 45 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण, 44 को मिला रजत

गोपेश्वर, जेएनएन। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षा समारोह में 45 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल तथा 44 छात्र-छात्राओं को सिलवर मेडल से सम्मानित किया गया। साथ ही वर्ष 2017-18 में विवि से विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर 600 और स्नातक में 13,916 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। समारोह में पहाड़ की तीन शख्सियतों को भी डॉ. ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। इनमें पद्मभूषण सम्मान प्राप्त पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट, पद्मश्री सम्मान प्राप्त जागर गायिका बसंती बिष्ट व सीमांत क्षेत्र में कृषि का आधुनिक विकास करने वाले महेंद्र सिंह कुंवर शामिल हैं। इससे पहले राज्यपाल ने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के बादशाही थौल और गोपेश्वर परिसर का लोकार्पण भी किया। 

शनिवार को श्रीदेव सुमन विवि के परिसर महाविद्यालय गोपेश्वर में आयोजित द्वितीय दीक्षा समारोह का राज्यपाल व विवि की कुलाधिपति बेबी रानी मौर्य ने दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया। उन्होंने उपाधि अर्जित करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को अपने ज्ञान से देश और समाज के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन केवल उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उन शिक्षकों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है जिन्होंने विद्यार्थियों को इस योग्य बनाया है। साथ ही अभिभावकों के लिए भी यह क्षण गौरवशाली है। 

उन्होंने विवि को अपनी प्राथमिकता निर्धारित करते हुए पर्यावरण के साथ लोक कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन तथा ग्रामीण विकास के क्षेत्र भी कार्य करने की बात कही। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का मकसद केवल उपाधि प्राप्त करने तक सीमित रहना नहीं है, बल्कि व्यक्तित्व का विकास, चरित्र और राष्ट्र के विकास में भी विद्यार्थियों को अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को डिग्री और मेडल मिले है, उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को पाठ्यक्रम में नवीनता और नवचार का समावेश कर विद्यार्थियों को आधुनिक और व्यवहारिक ज्ञान भी देने को कहा। 

उन्होंने विश्वविद्यालय में पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ वर्तमान समय के अनुसार भी पाठ्यक्रम शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की परिस्थितियों के अनुकूल उद्योग और लघु उद्योगों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किए जाने चाहिए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के विकास और पलायन को रोकने के लिए विवि को शोध करने की बात कही।  इससे पहले राज्यपाल ने गोपेश्वर स्थित भगवान गोपीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए राज्य की खुशहाली की कामना भी की। 

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दीक्षा समारोह में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत, सांसद तीरथ सिंह रावत, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, विश्वविद्यालय के कुलपति यूएस रावत, कुल सचिव सुधीर बुडाकोटी, विवि के प्रवक्तागण, गणमान्य नागरिक, अभिभावक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।

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