संस्कृत के उत्थान में गोपालाचार्य की भूमिका अहम

संवाद सहयोगी, ऋषिकेश : प्रख्यात संस्कृतविद् दर्शन महाविद्यालय ट्रस्ट के परमाध्यक्ष गोपालाचार्य शास्त

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Aug 2017 09:01 PM (IST) Updated:Sun, 13 Aug 2017 09:01 PM (IST)
संस्कृत के उत्थान में गोपालाचार्य की भूमिका अहम
संस्कृत के उत्थान में गोपालाचार्य की भूमिका अहम

संवाद सहयोगी, ऋषिकेश : प्रख्यात संस्कृतविद् दर्शन महाविद्यालय ट्रस्ट के परमाध्यक्ष गोपालाचार्य शास्त्री के निधन पर कई समाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

रविवार को श्री दर्शन महाविद्यालय परिसर में आयोजित शोक सभा में गोपालाचार्य शास्त्री के निधन पर महाविद्यालय के कर्मचारियों के साथ ही छात्रों ने दो मिनट का मौन रख कर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इस मौके पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राधा मोहन दास ने कहा कि गोपालाचार्य शास्त्री विद्यालय के आधार स्तंभ थे। उनके जीवन से हमें अपनी संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार एवं समाज सेवा की प्रेरणा लेनी चाहिए। संस्था सचिव वंशीधर पोखरियाल ने कहा कि उनका जीवन श्री दर्शन महाविद्यालय की सेवा एवं समाज में अध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार में ही रहा। इस मौके पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुनिकीरेती मनोज प्रपन्नाचार्य, देवेंद्र कुमार गोयल, आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल, महादेव प्रसाद कुकरेती, पीतांबर दत्त पैन्यूली आदि उपस्थित थे। वहीं दूसरी ओर संस्कृत छात्र-सेवा समिति ने समिति पुस्तकालय ओंकारानंद कैलाश गेट में आयोजित शोक सभा में गोपालाचार्य शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पंत ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन संस्कृत भाषा, भारतीय संस्कृति एवं धर्म के पूरे प्रचार-प्रसार पर लगा दिया। इस मौके पर जनार्दन फैरवान, सुभाष डोभाल, सूरज विज्लवाण, कैलाश व्यास, विजय जुगलान, विपिन बहुगुणा आदि उपस्थित थे।

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