टैक्सी बिल घोटाले में 10 को चार्जशीट

राज्य ब्यूरो, देहरादून: स्वास्थ्य विभाग में फर्जी टैक्सी बिल घोटाले में दोषी 10 चिकित्सा अधिकारियों

By Edited By: Publish:Tue, 25 Oct 2016 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 25 Oct 2016 01:00 AM (IST)
टैक्सी बिल घोटाले में 10 को चार्जशीट

राज्य ब्यूरो, देहरादून: स्वास्थ्य विभाग में फर्जी टैक्सी बिल घोटाले में दोषी 10 चिकित्सा अधिकारियों को शासन ने आरोप पत्र जारी कर दिए। उनसे दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले की सीबीसीआइडी जांच की संस्तुति भी गृह विभाग से की है। साथ ही, मामले में संलिप्त पांच तत्कालीन निजी सचिव व अपर निजी सचिवों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए सचिवालय प्रशासन विभाग को भी पत्र भेज दिया है।

स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री कार्यालय के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये के फर्जी टैक्सी बिलों के भुगतान के मामले की कई स्तरों पर जांच हो चुकी है। उक्त मामले वर्ष 2010 से 2012 के बीच के हैं। सबसे पहले स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा जांच की गई, मगर मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अफसरों की संलिप्तता उजागर होने पर स्वास्थ्य महानिदेशक ने शासन स्तर पर जांच कराने की संस्तुति की थी। इसके बाद शासन ने सचिव स्तर के कई अफसरों को यह जांच सौंपी, मगर कतिपय कारणों से जांच नहीं हो पाई। बाद में संयुक्त सचिव के स्तर पर जांच कराई गई।

इसमें सीएमओ व सीएमएस स्तर के 10 तत्कालीन अफसरों व मुख्यमंत्री दफ्तर के पांच निजी सचिवों को भी दोषी पाया गया। निजी सचिवों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सचिवालय प्रशासन विभाग को पत्र भेज दिया गया है। साथ ही, मुख्यमंत्री से अनुमोदन मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के 10 दोषी अफसरों को आरोप पत्र जारी कर दिए हैं। उन सभी से दो हफ्ते के भीतर उन पर लगे आरोपों का जवाब मांगा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे प्रकरण की सीबीसीआइडी जांच की संस्तुति भी गृह विभाग से की है।

इनसेट..

इन अफसरों को दी चार्जशीट

डॉ. आरएस असवाल, डॉ. मीनू रावत, डॉ. वीके गैरोला, डॉ. एसपी अग्रवाल, डॉ. जीसी बौंठियाल, डॉ. आरके पंत, डॉ. राकेश सिन्हा, डॉ. वाईएस राणा, डॉ. सुरेंद्र सकलानी, डॉ. दीपा शर्मा।

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