सोने की नकली ईट दिखाकर ठगने वाले गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, देहरादून: सोने की नकली ईट दिखाकर शिक्षक से पांच लाख रुपये ठगने वाले शातिरों को गौतम

By Edited By: Publish:Wed, 24 Aug 2016 11:27 PM (IST) Updated:Wed, 24 Aug 2016 11:27 PM (IST)
सोने की नकली ईट दिखाकर ठगने वाले गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, देहरादून: सोने की नकली ईट दिखाकर शिक्षक से पांच लाख रुपये ठगने वाले शातिरों को गौतमबुद्धनगर से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरोह के पांच सदस्यों में से दो नाबालिग हैं। इनके कब्जे से दो नकली सोने की ईट, 14 मोबाइल फोन व सिमकार्ड और 30 हजार रुपये बरामद किए गए हैं।

मंगलवार को नेहरू कॉलोनी के सरस्वती विहार निवासी अनिल सिंह चौहान पुत्र मंगल सिंह ने पुलिस से शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने उन्हें सोने की नकली ईट दिखाकर पांच लाख रुपये ठग लिए। इस मामले की जांच के लिए एसओजी व नेहरू कॉलोनी पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया था। बुधवार को पत्रकार वार्ता में एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने बताया शिकायतकर्ता की ओर से दिए गए मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया गया तो सभी की लोकेशन गौतमबुद्धनगर में मिली। मंगलवार रात ही एक टीम को गौतमबुद्धनगर के लिए रवाना कर दिया गया। वहां जेबर थाना क्षेत्र में जैन हॉस्पिटल तिराहे से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी पहचान महेंद्र सिंह पुत्र खचेड़ू, मनवीर उर्फ मक्खी उर्फ राजू पुत्र महेंद्र सिंह व कर्मवीर उर्फ बैट्री पुत्र महेंद्र निवासी ग्राम छतंगा थाना जेबर जिला गौतमबुद्धनगर के रूप में हुई। सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया, वहीं नाबालिग आरोपियों को किशोर न्यायालय में पेश किया गया।

पुराने जमाने की बताते थे ईट

ईटों को इस तरह तैयार किया गया था कि वह देखने में मुगल या अंग्रेजी शासन काल की लगें। इसके लिए ईटों पर उर्दू-अंग्रेजी में कुछ लिखा भी गया था। ताकि देखने वाले को विश्वास हो जाए कि ईटे वास्तव में पुराने जमाने की हैं

जेसीबी चलाता है महेंद्र

महेंद्र मूल रूप से जेसीबी चालक है। उसने बताया कि खुदाई के दौरान निकलने वाले सामानों को अच्छी कीमत मिलती थी, जिससे उसने इस तरीके से लोगों को ठगने का मन बनाया। इसके लिए उसने कई मोबाइल फोन व सिमकार्ड खरीदे थे।

मकान-जमीन में लगाते थे पैसे

महेंद्र ने बताया कि वह ठगी के पैसों से जमीन व मकान खरीदता था। पुलिस के अनुसार गौतमबुद्धनगर में महेंद्र का आलीशान मकान है। उसके पास से कई प्लॉट के कागजात भी मिले हैं।

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