चीला नहर से मिले एके-47 के जिंदा कारतूस

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: चीला नहर से अब एके-47 के दर्जनभर जिंदा कारतूस मिले हैं। ग्यारह दिन पहले यहा

By Edited By: Publish:Mon, 30 Nov 2015 01:59 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2015 09:26 AM (IST)
चीला नहर से मिले एके-47 के जिंदा कारतूस

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: चीला नहर से अब एके-47 के दर्जनभर जिंदा कारतूस मिले हैं। ग्यारह दिन पहले यहां से रायफल के दो जिंदा कारतूस और नौ खोखे बरामद हुए थे। बैराज से चीला के मध्य एक ही इलाके में कारतूसों के मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस भी सकते में है। हालांकि, वह अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई, लेकिन क्षेत्र में वन्य जीव तस्करों की सक्रियता के रूप में इसकी कड़ियों को जोड़ा जा रहा है।

काबिलेगौर है कि 17 नवंबर से चीला नहर की सफाई चल रही है। इन दिनों नहर में पानी रोककर बैराज से चीला के मध्य सफाई और मरम्मत कार्य किया जा रहा है। रविवार को कुनाऊं पुलिया के पास आधुनिक हथियार एके-47 के करीब एक दर्जन जिंदा कारतूस बरामद किये गए। पुलिस ने इन्हें कब्जे में लेकर लक्ष्मणझूला थाने में जमा करा दिया। बताते चलें कि इसी जगह 19 नवंबर को थ्री-नॉट-थ्री रायफल के दो जिंदा कारतूस, दो खोखे और पिस्टल में प्रयोग होने वाले 38 बोर और 9 एमएम के कारतूसों के सात खोखे मिले थे।

पुलिस इस बात को लेकर परेशान है कि आखिर नहर में मिले कारतूस आए कहां से। किसने इन्हें नहर में डाला। कारतूस पानी में बहकर आए या फिर किसी ने इन्हें यहां फेंका, यह पता करना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। अभी तक की जांच पड़ताल में कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा। चूंकि, बरामद कारतूस सेना और पुलिस ही इस्तेमाल करती है, इसलिए मामला और पेचीदा बन गया है। पुलिस आसपास के क्षेत्र में शिकार व अन्य संगीन वारदातों में शामिल अपराधियों की भी कुंडली खंगाल रही है। यह भी पता किया जा रहा कि इन दिनों उनकी किस तरह की सक्रियता है।

आठ साल पहले भी मिली थी एके47

पुलिस सूत्रों की मानें तो अगस्त 2007 में इसी इलाके से एक एके-47 और 83 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। इस मामले की जांच भी कराई गई थी। विशेषज्ञों से राय लेने की बात भी कही गई थी, लेकिन जांच में क्या निकला आज तक सामने नहीं आया। पुलिस अब इस फाइल को फिर से खंगालने की बात कर रही है।

'दस दिन के अंतराल में नहर से दूसरी दफा कारतूस बरामद होना गंभीर मामला है। बरामद कारतूसों को देहरादून फोरेंसिक लैब में भेजा जाएगा। इसके बाद जांच को गति मिलेगी'।

-राजीव स्वरूप, पुलिस अधीक्षक, पौड़ी

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