बर्ड फ्लू से उत्तराखंड में 27 दिन में हुई 1181 परिंदों की मौत

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू से पोल्ट्री फार्म समेत पालतू पक्षियों पर भले ही कोई आंच न आई हो मगर जंगली परिंदों के लिए यह मुसीबत का सबब बना हुआ है। आंकड़ों पर ही गौर करें तो 27 दिनों में प्रदेशभर में विभिन्न प्रजातियों के 1181 परिंदों की मौत हुई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 06 Feb 2021 03:28 PM (IST) Updated:Sat, 06 Feb 2021 03:28 PM (IST)
बर्ड फ्लू से उत्तराखंड में 27 दिन में  हुई 1181 परिंदों की मौत
पिछले 27 दिनों में प्रदेशभर में विभिन्न प्रजातियों के 1181 परिंदों की मौत हो चुकी है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में बर्ड फ्लू से पोल्ट्री फार्म समेत पालतू पक्षियों पर भले ही कोई आंच न आई हो, मगर जंगली परिंदों के लिए यह मुसीबत का सबब बना हुआ है। आंकड़ों पर ही गौर करें तो पिछले 27 दिनों में प्रदेशभर में विभिन्न प्रजातियों के 1181 परिंदों की मौत हो चुकी है। इनमें कौवे और कबूतर सबसे अधिक हैं। यही नहीं, देहरादून वन प्रभाग के अंतर्गत सबसे अधिक पक्षियों की मौत हुई है।

राज्य में परिंदों के मृत मिलने का सिलसिला आठ जनवरी से शुरू हुआ था। इसके बाद विभिन्न स्थानों से सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित लैब भेजे गए, जिसमें सबसे पहले देहरादून और कोटद्वार में मृत मिले कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। इसके बाद कुछेक अन्य स्थानों से भेजे गए सैंपलों में बर्ड फ्लू की बात सामने आई। अलबत्ता, यहां के पक्षियों में बर्ड फ्लू का जो वायरस पाया गया, वह मनुष्य के लिए खतरनाक नहीं है। हालांकि, पक्षियों के लिए यह जानलेवा है। सुकून की बात ये भी है कि अभी तक राज्य में कुक्कुट (मुर्गी) अथवा अन्य पालतू पक्षियों में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नही आया है।

ये बात अलग है कि जंगली पक्षियों पर बर्ड फ्लू भारी पड़ रहा है। वन विभाग से मिले आंकड़ों पर ही गौर करें तो आठ जनवरी से पांच फरवरी तक 1181 पक्षियों की मौत हुई। इनमें सबसे अधिक 977 कौवे और 120 कबूतर शामिल हैं। शेष पक्षी 30 विभिन्न प्रजातियों के हैं। प्रभागों के हिसाब से देखें तो देहरादून वन प्रभाग में सबसे अधिक 962, लैंसडौन में 45, तराई केंद्रीय में 42, मसूरी वन प्रभाग में 39 पक्षियों की मौत हुई। उधर, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब बहुत कम संख्या में पक्षी मृत पाए जा रहे हैं। बावजूद इसके सभी वन प्रभागों में निरंतर निगरानी रखी जा रही है।

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