डोबराचांटी पुल पर अविलंब फैसला ले सरकार

By Edited By: Publish:Sun, 17 Nov 2013 08:27 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2013 08:28 PM (IST)
डोबराचांटी पुल पर अविलंब फैसला ले सरकार

जागरण संवाददाता, देहरादून: टिहरी जिले की भदूरा पट्टी के बहुचर्चित डोबराचांटी पुल के मसले पर जनसमर्थन जुटाने के मकसद से डोबराचांटी पुल बनाओ समिति की ओर से राजधानी में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सरकार को जमकर कोसा गया। एक स्वर में मांग की कि गई संवेदनशील विकास के इस सवाल पर सरकार जनहित में अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित कराए।

हरिद्वार रोड स्थित एक होटल में हुई बैठक में समिति के मुख्य संयोजक राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने कहा कि डोबराचांटी पुल निर्माण में घपले के खुलासे से सरकारी मशीनरी की लापरवाही और सांठगांठ की पोल खुल गई है। 396 मीटर स्पान के सस्पेंशन पुल के निर्माण को अब 440 मीटर का बताया जा रहा है। 2006 में निविदा खुलने के बाद बिना डिजाइन के ही टेंडर पास कर दिया गया। यहां तक कि कार्यदायी संस्था को न तो इस कार्य का अनुभव था और न ही उनके पास कोई ठोस तकनीक। तकनीकी जानकारी जुटाने के लिए अधिकारी अब तक 6 करोड़ रुपये विदेशी दौरों पर भी खर्च कर चुके हैं। यही कारण है कि 129 करोड़ की लागत वाले पुल का बजट अब 170 करोड़ बताया जा रहा है।

बैठक में यह आरोप भी लगाया गया कि अभी पुल निर्माण का कार्य शुरू भी नहीं हुआ और कंपनी को 124 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया है। जो समझ से परे है। बैठक में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विनोद बड़थ्वाल, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष टीएस असवाल, पूर्व आइएएस सुरेंद्र सिंह पांगती, उत्तराखंड जनमंच के अध्यक्ष अशोक बहुखंडी, यूकेडी (पंवार गुट) से मनमोहन लखेड़ा, सीपीएम के सचिव सुरेंद्र सिंह सजवाण, कौश्ल्या डबराल वाहिनी से सुशीला ध्यानी, पूर्व सैनिक संगठन से पीसी थपलियाल, आदि कई दलों और संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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