हड़ताल के एलान पर 108 प्रबंधन हरकत में
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जागरण संवाददाता, देहरादून: 108 आपातकालीन सेवा व खुशियों की सवारी के फील्ड कर्मचारियों के 26 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर जाने के एलान से जीवीके ईएमआरआइ के अधिकारी हरकत में आ गए हैं।
विदित हो कि कर्मचारियों ने 108 सेवा को हरियाणा की तर्ज पर नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के माध्यम से संचालित करने, फील्ड कर्मचारियों की कार्य अवधि 12 घटे करने, सम्मानजक वेतन देने, कर्मचारियों की एक निश्चित सेवा नियमावली बनाने, पीएफ कटौती की जाच सहित सात मागों को लेकर बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी है। इस संबंध में जीवीके ईएमआरआइ के राज्य प्रभारी मनीष टिंकू ने बताया कि उन्होंने कर्मचारियों से हड़ताल पर न जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने संस्था को लिखित रूप में इस विषय में कोई सूचना अभी नहीं दी है, फिर भी हमारा प्रयास रहेगा कि उनसे वार्ता कर उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई की जाए। ताकि 108 एंबुलेंस व खुशियों की सवारी निर्बाध रूप से संचालित होती रहे। राज्य प्रभारी मनीष टिंकू ने कहा कि इस सेवा का संचालन लोक निजी सहभागिता के अंतर्गत किया जाता है। उत्तराखंड के अतिरिक्त देश के 17 अन्य राज्यों में लगभग 45 हजार से अधिक कर्मचारियों व 11 हजार से अधिक एंबुलेंस वाहनों के साथ 108 आपातकालीन सेवा व अन्य सेवाओं का संचालन किया जाता है। समस्त कर्मचारियों की कार्य अवधि व वेतन भुगतान का निर्धारण श्रम कानूनों के अंतर्गत किया जाता है। कर्मचारियों को ईपीएफ, ग्रेचुएटी, मेडिकल, ईएसआइसी व जीपीएफ आदि का लाभ भी दिया जा रहा है। जहां तक एंबुलेंस पुरानी होने का सवाल है, 61 नई एंबुलेंस खरीदी जा चुकी हैं और जल्द 108 के बेड़े में शामिल हो जाएंगी। क्योंकि यह सेवा जनता से जुड़ी सेवा है और आपातकालीन स्थितियों में आम आदमी को त्वरित सेवाएं प्रदान करती है, कर्मचारियों का यह फैसला न्योयोचित नहीं है। यदि कोई कर्मचारी सेवा के संचालन में व्यवधान उत्पन्न करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संस्था के पास 100 से अधिक कर्मचारी बैकअप में उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल किसी भी अपरिहार्य स्थिति में किया जाएगा।