उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी 10 एंबुलेंस, आम जनता को मिलेगी सुविधा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 10 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इन सभी एंबुलेंस को पर्वतीय जनपदों के दुरस्थ क्षेत्रों में तैनात करने के निर्देश दिए हैं। ये एंबुलेंस नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन ने प्रदान की हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 01:21 PM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 01:21 PM (IST)
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी 10 एंबुलेंस, आम जनता को मिलेगी सुविधा
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी 10 एंबुलेंस।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 10 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इन सभी एंबुलेंस को पर्वतीय जनपदों के दुरस्थ क्षेत्रों में तैनात करने के निर्देश दिए हैं। ये एंबुलेंस नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन ने प्रदान की हैं। 

मुख्यमंत्री आवास में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एंबुलेंस से पर्वतीय क्षेत्रों में आम जनमानस को उपचार कराने में सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्रों के प्रमुख उपक्रमों द्वारा राज्य सरकार को सहयोग दिया गया है। कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण को सरकार द्वारा कारगर कदम भी उठाए गए हैं। 

इसके चलते रिकवरी रेट में तेजी से सुधार आया है। अभी भी इस संक्रमण पर पूर्व नियंत्रण राज्य सरकार के लिए अत्यधिक सतर्कता का विषय है। मुख्यमंत्री ने एंबुलेंस उपलब्ध कराने तथा पूर्व में 10 हजार पीपीई किट उपलब्ध कराने के लिए एनटीपीसी आभार भी जताया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, राधिका झा, महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती और एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक केएस टोलिया उपस्थित थे।

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अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से की मुलाकात 

सचिवालय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन राधा रतूड़ी से भेंट कर निजी सचिव संवर्ग में विभागीय पदोन्नति के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग की है। जिस पर अपर मुख्य सचिव ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। मंगलवार को संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव राकेश जोशी ने अपर मुख्य सचिव से मुलाकात के दौरान एक मांग पत्र भी सौंपा। इसमें कहा गया है कि निजी सचिव संवर्ग पद पर एक वर्ष से अधिक समय से पदोन्नति प्रक्रिया लंबित चल रही है। यदि इस संबंध में उच्च न्यायालय में कोई वाद लंबित चल रहा है तो न्यायालय के अंतिम निर्णय के अधीन पदोन्नति की जा सकती है। अन्य संवर्गों में भी ऐसा किया जाता रहा है।

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