आयोग की फटकार के बाद भी नहीं चेती सरकार

जागरण संवाददाता, चम्पावत : सरकारी स्कूलों में बच्चों को आगजनी से बचाने के लिए कोई व्यवस्था

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Dec 2018 10:54 PM (IST) Updated:Mon, 24 Dec 2018 10:54 PM (IST)
आयोग की फटकार के बाद भी नहीं चेती सरकार
आयोग की फटकार के बाद भी नहीं चेती सरकार

जागरण संवाददाता, चम्पावत : सरकारी स्कूलों में बच्चों को आगजनी से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। गत वर्ष मामला मानवाधिकार आयोग में पहुंचा तो शिक्षा विभाग ने स्कूलों में फायर उपकरण लगाने के लिए आनन फानन में करीब 18 लाख रुपये की डिमांड की लेकिन वर्ष बीतने को है मगर सरकार से फूटी कौड़ी नहीं मिली। बजट आने की उम्मीद में शिक्षा अधिकारियों ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर स्कूल के अन्य फंडों से रेते की बाल्टियां समेत अन्य सामान खरीद लिए।

बता दें कि जनपद के सरकारी व निजी स्कूलों में फायर सुरक्षा के कोई इंतजाम गत वर्ष तक नहीं दिखाई देते थे। ऐसे में अगर कभी इन स्कूलों में आगजनी की वारदात हो भी जाती तो न तो इसका फर्क अधिकारियों पर पड़ता और न ही शासन पर। इंतजाम न होने से बच्चों पर मंडराते असुरक्षा के बादल को देखते हुए गत वर्ष बनबसा सजवान मार्केट निवासी कुमाऊं मंडल अध्यक्ष विनय शुक्ला ने उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग में शिकायत की। जिस पर आयोग ने शिक्षा अधिकारियों की फटकार लगाई। इसके बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित ने आयोग को रिपोर्ट भेजकर बताया कि जनपद के समस्त राजकीय प्राथमिक विद्यालयों एवं राउप्रावि तथा हाईस्कूल इंटरमीडिएट कॉलेजों में भूमि तल पर तीन-तीन रेत व पानी की बाल्टियों लगाने, भूमि व प्रथम तल पर दो कक्षों के मध्य एक फायर उपकरण लगाने, विद्युत स्वीच बोर्ड के पास एबीसी टाइप फायर उपकरण लगाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद निजी स्कूलों में काफी हद तक फायर उपकरण लगा लिए मगर सरकारी स्कूलों में आज भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। फायर उपकरणों को लगाने के लिए सीईओ ने सरकार से करीब 18 लाख रुपये की डिमांड की थी मगर वह डिमांड आज तक पूरी नहीं हो सकी। हां इतना जरूर है कि सीईओ के आदेश पर सरकारी स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाले विकास अनुदान व पीटीए के मद से जरूर सेफ्टी के लिहाज से रेत की बाल्टियां जरूर खरीद कर लगवाई है। बजट मिलने की उम्मीद के बाद यह उपकरण भी लगा लिए जाते मगर बजट न मिलने से यह उम्मीद भी धरी की धरी रह गई। वर्जन-

सभी सरकारी स्कूलों में फायर उपकरण लगाने के लिए शासन से गत वर्ष करीब 18 लाख रुपये की डिमांड की गई थी। मगर शासन से बजट नहीं मिला। मामला आयोग में पहुंचने के बाद स्कूलों सेफ्टी लिहाज से स्कूल के अन्य मदों से फायर बल्टियां जरूर रखवा दी गई है। = आरसी पुरोहित, सीईओ, चम्पावत

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