भू-कटाव रोकथाम कार्य में सुस्ती पर थ्वालखेड़ा ग्रामीण आक्रोशित

संवाद सहयोगी, टनकपुर : शारदा नदी से थ्वालखेडा-खेतखेड़ा गांव में हो रहे भू-कटाव से कइ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Jul 2018 10:57 PM (IST) Updated:Tue, 17 Jul 2018 10:57 PM (IST)
भू-कटाव रोकथाम कार्य में सुस्ती पर थ्वालखेड़ा ग्रामीण आक्रोशित
भू-कटाव रोकथाम कार्य में सुस्ती पर थ्वालखेड़ा ग्रामीण आक्रोशित

संवाद सहयोगी, टनकपुर : शारदा नदी से थ्वालखेडा-खेतखेड़ा गांव में हो रहे भू-कटाव से कई काश्तकारों की कई एकड़ भूमि नदी में समा गई है। बाढ़ की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यो सुस्त गति से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने प्रशासन से कार्य में तेजी लाने व बडे़ प्रोजेक्ट के साथ कार्य कराए जाने की मांग की है। पिछले दिनों पहाड़ों व क्षेत्र में हुई वर्षा से शारदा नदी के उफान से नदी से लगे कई गांव में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया। नदी से सबसे ज्यादा खतरा इस समय थ्वालखेड़ा- खेतखेडा गांव को बना हुआ है। वहीं थ्वालखेड़ा व नायकगोठ के आबादी के बीच पत्थर उठाए जाने से भी ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। नदी से गांव में हो रहे भू-कटाव की रोकथाम के लिए बडे़ स्तर पर प्रोजेक्ट तैयार कर यहां कार्य किए जाने की जरूरत है। छोटे-मोटे वायर क्रेट से बना देने मात्र से गांव में भू-कटाव को नहीं रोका जा सकता है। प्रशासन को इस मामले में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। = पुष्कर सिंह, ग्रामीण नदी से इस समय जो कटाव हुआ है इससे करीब पांच परिवारों का आने-जाने का मार्ग बंद हो चुका है। अब उन्हें बाजार आने-जाने में भी भारी दिक्कते झेलनी पड़ रही है। वहीं पुराना पूर्णागिरि मार्ग के लिए तीर्थ यात्री भी आवाजाही करते है। अब उन्हे पैदल जाने में उन्हें दिक्कते होगी।

=शिव राम, ग्रामीण वर्ष 2013 में उफनाई शारदा नदी से शारदा घाट क्षेत्र व हनुमान गढ़ी में हुई तबाही के बाद जिस तरीके से हनुमान गढ़ी क्षेत्र में नदी किनारे बांध बने है। उसी तर्ज पर यदि यहां पर ऐसे बांध बन जाए तभी उनके गांव को नदी के बहाव से बचाया जा सकता है। = अनिल महर, ग्रामीण

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