खूब मस्ती से मनाएं दिवाली, लेकिन सेहत का रखें ख्याल

जागरण संवाददाता चम्पावत दिवाली का त्योहार रोशनी का प्रतीक है इसलिए लोग इस अवसर पर खूब दी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 10:08 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 06:19 AM (IST)
खूब मस्ती से मनाएं दिवाली, लेकिन सेहत का रखें ख्याल
खूब मस्ती से मनाएं दिवाली, लेकिन सेहत का रखें ख्याल

जागरण संवाददाता, चम्पावत : दिवाली का त्योहार रोशनी का प्रतीक है, इसलिए लोग इस अवसर पर खूब दीये जलाते हैं और जमकर लाइटिंग भी करते हैं, लेकिन खूब सारी रोशनी के साथ-साथ दिवाली पर कानफोड़ू पटाखे भी भारी मात्रा में छोड़े जाते हैं। जिससे फैलने वाले प्रदूषण से हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ आस-पास के पर्यावरण पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। हालाकि दिवाली पर प्रदूषण की मार से बचने के लिए इस साल भी सुप्रीम कोर्ट से दिशा-निर्देश जारी हुए हैं, जिसमें पटाखे छोड़ने के समय आदि के संबंध में कई बातें कही गयी हैं। लेकिन इन दिनों मौसम के बदलने और दिवाली के कारण पटाखों के साथ-साथ अन्य कई चीजों से पैदा होने वाले दमघोंटू प्रदूषण से बचने के लिए आपको अपने स्तर पर भी पुख्ता तैयारी करने की जरूरत है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गो व सास की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। रोशनी का त्योहार प्रदूषण के त्योहार में तब्दील न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। दिवाली की खुशियों के बीच सेहत का ध्यान कैसे रखें। बता रहे हैं जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके जोशी।

----बच्चों का ऐसे रखें ध्यान

दिवाली पर छोड़े जाने वाले कुछ पटाखे बहुत ज्यादा तेज आवाज के होते हैं, जो छोटे बच्चों की सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे को घर के अंदर ऐसे किसी स्थान पर रखें, जहा तेज पटाखों की आवाज कम से कम आए। कानों में रूई लगा देने से भी तेज आवाज से बचा जा सकता है। इसके अलावा पटाखों से निकलने वाला हानिकारक धुआ बच्चों के फेफड़ों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है, जिसकी वजह से उन्हें सास लेने में तकलीफ हो सकती है। इसलिए घर के खिड़की-दरवाजे अच्छी तरह से बंद रखें, ताकि हानिकारक और जहरीला धुआ घर में प्रवेश न कर पाए।

घर में यदि बुजुर्ग हों तो

घर में बुजुर्ग व्यक्ति के होने पर कोशिश करें कि बहुत ज्यादा तेज आवाज वाले पटाखे न छोड़ें। न ही बुजुर्ग व्यक्ति खुद से ऐसे पटाखे छोड़ें, जिन्हें छोड़ने के तुरंत बाद तेजी से दूर जाना पड़ता है। उदाहरण के लिए रॉकेट, क्योंकि यह तेजी से हवा में जाता है और इससे बहुत हानिकारक धुआ भी निकलता है। अगर बच्चों के साथ पटाखे छोड़ रहे हैं, तो हानिकारक धुएं से बचने के लिए खुद मास्क जरूर पहनें।

सास के मरीज बरतें विशेष सावधानी

जिन लोगों को सास लेने में दिक्कत रहती है, उन्हें सलाह है कि वह दिवाली से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर मिल लें। डॉक्टर से दिवाली से पहले और बाद में होने वाले प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जरूरी दवाइया लेना न भूलें। दिवाली वाले दिन घर से बाहर निकलने से परहेज करें। अगर धुएं की वजह से छाती में जकड़न व सास लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर द्वारा बताया गया इनहेलर लें या जरूरत पड़ने पर नेबुलाइजर जरूर लें।

------चुनें स्मॉल हिस्सा

दीवाली के अवसर पर लोग तला हुआ, मीठा या हाई कैलोरी फूड न खाएं, ऐसा तो संभव नहीं है, लेकिन मीठा व तला हुआ खाकर भी आप अपनी कैलोरी इनटेक को नियंत्रित कर सकते हैं। बस जरूरत है कि आप मील का छोटा हिस्सा चुनें।

---हेल्दी ऑप्शन चुनें

स्मॉल पीस के साथ-साथ अपेक्षाकृत हेल्दी ऑप्शन को चुनना भी बेहद जरूरी है। उदाहरण के तौर पर, अगर दिवाली पार्टी पर आपके सामने गुलाब जामुन या रसगुल्ला है तो बेहतर होगा कि आप रसगुल्ला खाएं। इसमें कैलोरी अपेक्षाकृत कम होती है। ठीक इसी तरह, डाईफ्रूट्स व मिठाई में से डाईफ्रूट्स का चयन करना एक हेल्दी ऑप्शन साबित होगा।

हाइड्रेशन का रखें ध्यान

दीवाली के अवसर पर मौसम में भी काफी हद तक बदलाव आ जाता है, जिसके कारण जल्दी से या बहुत अधिक प्यास नहीं लगती। लेकिन त्योहार के इस अवसर पर हाइड्रेजन लेवल को मेंटेन करना बेहद जरूरी है। इसका एक फायदा यह होता है कि जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो आपका पेट भरा रहता है और आप बहुत अधिक व अतिरिक्त कैलोरी लेने से बच जाते हैं। वैसे पेय पदार्थो का चयन करते समय भी हेल्दी ऑप्शन को ही प्राथमिकता दें।

chat bot
आपका साथी