कर्ज माफी को भटक रहा कैंसर पीड़ित

संवाद सहयोगी, चम्पावत : कुछ लोगों के साथ वक्त बेहद क्रूर मजाक करता है। बीमारियों के साथ ही अन्य प

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)
कर्ज माफी को भटक रहा कैंसर पीड़ित
कर्ज माफी को भटक रहा कैंसर पीड़ित

संवाद सहयोगी, चम्पावत : कुछ लोगों के साथ वक्त बेहद क्रूर मजाक करता है। बीमारियों के साथ ही अन्य परेशानियां ऐसे लोगों को हर वक्त घेरे रहती हैं। खूंटी, बाजरीकोट निवासी नारायण राम विश्वकर्मा (38)भी उन्हीं बदनसीबों में से एक है।

बैसाखी के सहारे कलेक्ट्रेट में डीएम से गुहार लगाने पहुंचे नारायण ने बताया कि पिछले वर्ष उसके पांव की अंगुली में संक्रमण हो गया था। इसके चलते अंगुली को काटना पड़ा। इसके बाद संक्रमण अन्य अंगुलियों में फैला तो चिकित्सकों ने उन्हें भी काट दिया। मायावती आश्रम के सहयोग से बृंदावन में इलाज चला । पांव में संक्रमण बढ़ने पर उसे चिकित्सकों ने दिल्ली सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। यहां घुटने के नीचे उसका एक पांव काटना पड़ा। अब घुटने के साथ ही दूसरे पांव में भी इनफेक्शन फैलने लग गया है। उसने बताया कि इलाज में अब तक तीन लाख रुपये का खर्चा आ गया है। बावजूद इसके स्थिति बिगड़ती जा रही है। उसके हाथ की अंगुलियां भी टेड़ी हो गई है। नारायण ने बताया कि पहली पत्‍‌नी की मौत डिलीवरी के समय हो गई थी। पहली पत्‍‌नी से उसके एक लड़का, एक लड़की तथा तथा दूसरी पत्‍‌नी से दो लड़की एक लड़का है। उसने बताया कि संक्रमण फैलने से पूर्व वह मिस्त्री का काम करता था। पांव कटने के बाद अब उसकी आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। समाज कल्याण विभाग से पेंशन मिलती है उसी से गुजारा चल रहा है। उसने बताया कि बीमारी से पूर्व उसने साधन सहकारी समिति से दुग्ध व्यवसाय को गाय खरीदने के लिए 10 हजार रुपये का ऋण लिया। अब वह बीमार है तथा भुखमरी के कगार पर है। इलाज में जमीन बिक चुकी है। नारायण राम ने डीएम को ज्ञापन सौंप कहा है कि वह कैंसर से पीड़ित है। उसने दयनीय हालत को देखते हुए बैंक ऋण माफ कराने की गुहार लगाई है।

डीएम ने दी थी आर्थिक सहायता

चम्पावत : नारायण राम ने बताया कि पूर्व में इलाज के लिए डीएम ने उसे पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी थी। इसके साथ ही रेडक्रास से पांच हजार व भाजपा नेता व वर्तमान में चम्पावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी ने 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की थी।

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