चिकित्सा व्यवस्था फिर बेढर्रा

लोहाघाट : पीपीपी मोड में संचालित सीएचसी लोहाघाट की चिकित्सा व्यवस्था फिर पटरी से उतर गई है। जिस कारण

By Edited By: Publish:Thu, 29 Jan 2015 09:22 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jan 2015 09:22 PM (IST)
चिकित्सा व्यवस्था फिर बेढर्रा

लोहाघाट : पीपीपी मोड में संचालित सीएचसी लोहाघाट की चिकित्सा व्यवस्था फिर पटरी से उतर गई है। जिस कारण मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गंगा शील प्रबंधन द्वारा अस्पताल को सिर्फ दो चिकित्सकों के भरोसे छोड़ा गया है। जिस कारण मरीजों की जमकर फजीहत हो रही है।

उल्लेखनीय हो कि एक वर्ष पूर्व सरकार द्वारा जनता को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था का सपना दिखाकर अस्पताल को पीपीपी मोड में संचालित किया गया था। परंतु सरकार की इस योजना से क्षेत्रवासियों को परेशानी के सिवाय कुछ नहीं मिला। सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए जनता जिदंगी के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रही है। अस्पताल के सरकारी व्यवस्था से हटते ही अस्पताल बदहाली की कगार में पहुंच गया। एक वर्ष में यहां सैंकड़ों डॉक्टर आए और चले गए। परंतु अस्पताल की व्यवस्थाएं जस की तस बनी रही। पिछले दिनों संघर्ष समिति द्वारा किए गए आंदोलन को शासन-प्रशासन ने थाम तो दिया परंतु बेहतर सुविधा के नाम पर लोगों को सिर्फ आश्वासन दिया। अस्पताल में लगभग डेढ़ दर्जन चिकित्सकों की आवश्यकता है। परंतु यहां सिर्फ दो चिकित्सकों के भरोसे अस्पताल चल रहा है। स्थानीय लोगों ने अस्पताल को पीपीपी मोड से न हटाने का आरोप सत्ता पक्ष पर लगाया है। लोगों ने शासन प्रशासन से अस्पताल को शीघ्र पीपीपी मोड से हटाने की मांग की है।

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सफाई कर्मचारियों की हड़ताल सातवें दिन भी जारी

फोटो : 29एलजीअीपी 2

परिचय : लोहाघाट सीएचसी में अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते सफाई कर्मी। जागरण

लोहाघाट : पीपीपी मोड में संचालित सीएचसी में कार्यरत सफाई कर्मचारियों की हड़ताल छठे दिन भी बदस्तूर जारी रही। जिस कारण अस्पताल गंदगी से पटा रहा। सफाई कर्मचारियों ने प्रबंधन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कर्मचारियों का कहना था कि प्रबंधन द्वारा ना ही उन्हें समय पर वेतन दिया जाता है और ना ही कोई सुविधा। जिसके चलते वह आंदोलन को मजबूर है। कर्मचारियों का कहना था कि प्रबंधन द्वारा उनके मानदेय में से प्रतिमाह एक मुस्त रकम काट ली जाती है परंतु उसका हिसाब नहीं दिया जाता की वह रकम क्यों काटी जा रही है और किस लिए। कर्मचारियों ने मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। इस दौरान कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

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