चार रात : कुप्पी, सग्गड़, रेडियो का साथ
चम्पावत : '..चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात' की कहावत तो आपने सुनी होगी, परंतु हम बीती चार रातों क
चम्पावत : '..चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात' की कहावत तो आपने सुनी होगी, परंतु हम बीती चार रातों की बात कर रहे हैं। जब चांदनी के बजाए बर्फबारी ने पहाड़ में इन रातों को सर्द ही नहीं दुष्कर भी बना दिया। बिजली, पानी, संचार, सड़क सब कटे रहे। कुप्पी, सग्गड़ (अंगीठी) और रेडियो के साथ लोगों ने जैसे-तैसे इन रातों को काटा। दूरस्थ इलाकों में तो स्थिति और दुरूह रही। मोबाइल चार्ज के लिए लोगों को लंबी दौड़ लगानी पड़ी। वहीं, कुछ स्थानों पर पानी के लिए भी बर्फ पिघलाना मजबूरी बना रहा।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पूरे पहाड़ के साथ ही चम्पावत जनपद का खुशनुमा मौसम भी पलटी मार गया। 13 दिसंबर शनिवार को बादल छाने और बारिश ने पहाड़ को ठंड की आगोश में ले लिया। 14 को ओलावृष्टि और रात में बर्फबारी के साथ ही बिजली, संचार संपर्क भी भंग हो गया। 15 को पूरे दिन बर्फबारी होने से राजमार्ग सहित आंतरिक मार्ग भी बाधित हो गए और जिले के पहाड़ का संपर्क देश-दुनिया से कट गया। देवीधूरा सहित लोहाघाट के कुछ हिस्सों में तो दो से तीन फुट तक बर्फ गिरी और अभी भी वहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। ठंड के कारण तापमान भी रात में शून्य से नीचे पहुंच गया। बिजली न होने से दूर-दराज इलाकों में तो कुप्पी और चीड़ के छिलकों से रात के अंधेरे को दूर करने की जुगत बनी। वहीं, शीतलहर से बचने के लिए सग्गड़, अंगीठी का सहारा लेना पड़ा। मार्ग बंद होने से तो दो दिन कई क्षेत्रों में समाचार पत्र भी नहीं पहुंच पाए। लोगों ने कबाड़ में फेंके रेडियो को झाड़-पोछकर समाचार सुनने के लिए काम में लिया। पानी की दिक्कत रही। बर्फबारी के कारण पेयजल लाइनें जम जाने और स्रोतों तक पहुंचने का रास्ता क्षतिग्रस्त होने से लोगों ने बर्फ को पिघला कर पानी का काम चलाया। मोबाइल बैटरी चार्ज के लिए भी लंबी दौड़ लगाकर ग्रामीण कस्बों में पहुंचे। वहां भी उन्हें चार्ज करने में रकम खर्चनी पड़ी।
बहरहाल, इन चार दिनों में लोगों को मौसम ने प्रकृति के साथ पुराने तरीकों से रहने को विवश कर दिया। गीजर, हीटर, इंवर्टर से सुविधा की चाह भी इन चार रातों में ठंडी रही।
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- इनको लगा आर्थिक करंट -
- बिजली महकमे को 20 लाख का नुकसान
- दूरसंचार विभाग को 12 लाख की चपत
- निजी वाहन स्वामियों को भी आर्थिक चोट
- दुग्ध संघ का दूध संग्रह न होने से ग्राहकों को नुकसान
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- इनका बाजार रहा गर्म -
- गर्म कपड़ों, जैकेट, टोपी, मफलर
- खूब बिकी मोमबत्ती
- अंगेठी, लकड़ी कोयले की बिक्री तेज
- सब्जी के दामों में इजाफा
- शराब के साथ ही मांस, मुर्गे की ज्यादा खपत
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रीठासाहिब में यात्री रहे परेशान
चम्पावत : बर्फबारी के कारण रीठासाहिब में पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न प्रांतों से आए 400 से ज्यादा सिख तीर्थयात्री फंसे रहे। हालांकि गुरुद्वारे में लंगर होने से उन्हें खाने की दिक्कत तो नहीं हुई, लेकिन वह चार दिनों तक सर्द रातों के अलावा संचार संपर्क न होने से परिजनों से भी बातचीत नहीं कर पाए। अलबत्ता, गुरुवार को आवाजाही सुचारू होने से वह अपने गंतव्यों को रवाना हुए।