बीमार वृद्ध को पालकी में नौ किमी पैदल ही लाए ग्रामीण

संवाद सहयोगी गोपेश्वर चमोली जिले में चीन सीमा से लगी नीती घाटी के द्रोणागिरी गांव में लोग आ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 09:55 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 06:14 AM (IST)
बीमार वृद्ध को पालकी में नौ किमी पैदल ही लाए ग्रामीण
बीमार वृद्ध को पालकी में नौ किमी पैदल ही लाए ग्रामीण

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले में चीन सीमा से लगी नीती घाटी के द्रोणागिरी गांव में लोग आज भी सड़क एवं स्वास्थ्य सुविधा के लिए तरस रहे हैं। विगत रात गांव में एक वृद्ध की तबीयत बिगड़ने पर उसे 14 घंटे बाद पालकी से रोड हेड जुम्मा तक लाया जा सका। यहां पहुंचने के लिए ग्रामीणों को नौ किमी की दूरी पैदल नापनी पड़ी। यहां से वृद्ध को वाहन के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ पहुंचाया गया। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के बावजूद द्रोणागिरी गांव के लोग आज भी सड़क एवं स्वास्थ्य सुविधा से महरूम हैं। गांव में विगत रात 80-वर्षीय इंद्र सिंह कुंवर की तबीयत अचानक खराब हो गई। लेकिन, समस्या यह थी कि उन्हें अस्पताल तक कैसे पहुंचाया जाए। ऐसे में ग्रामीणों को पूरी रात वृद्ध को घर पर ही रखना पड़ा। सुबह ग्रामीणों ने कुछ मजदूरों की मदद से पालकी तैयार की और इसके बाद वृद्ध को नौ किमी दूर पैदल ही रोड हेड तक पहुंचाया।

दरअसल, द्रोणागिरी से छह किमी पहले रुइंग गांव में एएनएम सेंटर तो है, लेकिन यहां तैनात फार्मेसिस्ट व एएनएम के कभी-कभार ही दर्शन होते हैं। जबकि, सीएमओ डॉ. केके सिंह का कहना है कि क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी इसी सेंटर पर है। हालांकि, सेंटर कैसी जिम्मेदारी निभा रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। उधर, लोनिवि के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत ने बताया कि द्रोणागिरी तक सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है। जल्द ही गांव तक सड़क पहुंच जाएगी।

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