चमोली में बादल फटने वाले स्थान पर पुल बनाते वक्त बहा ग्रामीण

चमोली जिले में बादल फटने वाली जगह पर आवाजाही के लिए पुल बनाते वक्त एक ग्रामीण नदी के तेज बहाव में बह गया।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 18 Jul 2018 08:21 PM (IST) Updated:Wed, 18 Jul 2018 09:17 PM (IST)
चमोली में बादल फटने वाले स्थान पर पुल बनाते वक्त बहा ग्रामीण
चमोली में बादल फटने वाले स्थान पर पुल बनाते वक्त बहा ग्रामीण

गोपेश्वर, [जेएनएन]: चमोली जिले में आपदा थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार रात भारी बारिश से घाट के सेरा बनाला जल विद्युत परियोजना में भूस्खलन से 150 मीटर नहर क्षतिग्रस्त हुई है। जबकि थराली के ढाढरबगढ़ में प्राणमती नदी पर वैकल्पिक लकड़ी का पुल बनाते हुए ग्रामीण बह गया। 

बता दें कि सोल घाटी के ढाढरबगड़ में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। यहां आवाजाही के लिए पुल न होने से एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही ठप थी। बताया गया कि ग्रामीणों ने प्राणमती नदी पर लकड़ी से कच्चा पुल बनाने का काम शुरू किया था। इस कार्य पर आसपास के गांव के सैकड़ों ग्रामीण लगे हुए थे। कार्य के दौरान रतगांव निवासी वर्षीय सुजान सिंह(55) पुत्र नैन सिंह पुल बनाते हुए नदी के तेज बहाव की चपेट में आकर बह गए हैं।

स्थानीय लोग व पुलिस लापता ग्रामीण की खोजबीन में जुटे हैं। दूसरी ओर भूस्खलन से सेरा बनाला जल विद्युत परियोजना की नहर क्षतिग्रस्त हुई है। बताया गया कि ह्यूंण गदेरे के पास भारी भूस्खलन से 150 मीटर नहर क्षतिग्रस्त हुई है। हिम ऊर्जा जल विद्युत परियोजना के अध्यक्ष संदीप राठौर ने बताया कि भूस्खलन से जल विद्युत परियोजना की 150 मीटर नहर क्षतिग्रस्त हो गई है तथा 15 मेगावाट की इस परियोजना का उत्पादन भी ठप है।

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