्रलापता विदेशी ट्रैकर्स का अभी कुछ पता नहीं चला

संवाद सहयोगी गोपेश्वर चमोली जिले में स्थित त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग के दौरान लापता विदेशी नाग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Oct 2019 10:47 PM (IST) Updated:Thu, 03 Oct 2019 06:29 AM (IST)
्रलापता विदेशी ट्रैकर्स का अभी कुछ पता नहीं चला
्रलापता विदेशी ट्रैकर्स का अभी कुछ पता नहीं चला

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले में स्थित त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग के दौरान लापता विदेशी नागरिक का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चला। पर्वतारोही की तलाश में रवाना राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीएआरएफ) का दल घाट सुतोल के रास्ते मौके लिए रवाना हुआ है। इस बीच, जिला प्रशासन ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) से भी मदद मांगी है। सूत्रों के अनुसार दल के बाकी सदस्य बेस कैंप में सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

विभिन्न देशों के छह सदस्यीय दल ने 15 सितंबर को त्रिशूल पर्वत पर ट्रैकिंग शुरू की थी। घाट विकासखंड के सुतोली से आगे बढ़ा यह दल लगभग पांच हजार मीटर तक चढ़ चुका है। इस पर्वत की कुल ऊंचाई सात हजार एक सौ मीटर के आसपास है। बताया गया बेस कैंप माउंट त्रिशूल-टू पहुंचने के बाद दल का एक सदस्य लापता हो गया। उस दिन यहां एवलांच आया था। लापता टै्रकर का नाम पीटर विटेक है, वह हंगरी निवासी बताया जा रहा है। उसी के एक साथी ने अमेरिका में अपनी परिचित महिला को पीटर के लापता होने की सूचना दी थी। सोमवार को चमोली जिला प्रशासन को इसका पता चला।

पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि लापता ट्रैकर की खोज में एसडीआरएफ का विशेषज्ञ दल मंगलवार सुबह सुतोल से आगे बढ़ा। हालांकि दल को दल के किसी भी सदस्य से संपर्क नहीं हो पाया, लेकिन एक गाइड दल को मिला है, जो पर्वतारोहियों को बेस कैंप छोड़कर लौटा था। उसने बताया कि पांच पर्यटक बेस कैंप में सुरक्षित हैं। पुलिस अधीक्षक के अनुसार एसडीआरएफ का दल उन तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है, इससे समय लगने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर आइटीबीपी से भी सहयोग मांगा जा रहा है। उन्होंने बताया कि मौके पर दूरसंचार सुविधा भी नहीं हैं। इसकी वजह से सूचनाएं आदान-प्रदान करने में दिक्कतें आ रही हैं।

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