..तो पानी से बीमार हुए लोग

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : अस्पताल से लौटे बीमारों ने फूड प्वाइंज¨नग के कारणों का खुलासा ि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Dec 2018 11:25 PM (IST) Updated:Sat, 08 Dec 2018 11:25 PM (IST)
..तो पानी से बीमार हुए लोग
..तो पानी से बीमार हुए लोग

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : अस्पताल से लौटे बीमारों ने फूड प्वाइंज¨नग के कारणों का खुलासा किया है। बीमारी फैलने का मुख्य कारण स्त्रोत से बरात के लिए कुछ दिन पूर्व पानी जमा करके रखना था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह कि जल संस्थान ने ड्रम में जमा किए गए पानी के नमूने ही जांच के लिए नहीं लिए है। बास्ती गांव में बीते 29 नवंबर को बरात के दौरान हुई फूड प्वाइज¨नग से चार लोगों की मौत व 360 लोग बीमार हो गए थे। 9 दिन बीतने के बाद भी सरकार की जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई। अभी तक यह पता नहीं चल पाया कि इतनी व्यापक बीमारी फैलने का कारण क्या हैं। इस संबंध में जब जागरण ने जांच पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जिसकी जानकारी से हर कोई अनभिज्ञ था। सभी लोग रायता, पनीर, दूध, दाल को इसका जिम्मेदार बता रहे थे। इन चीजों को लेकर गांव के लोग संदेह कर रहे हैं। फूड प्वाइज¨नग से पीड़ित, फकीर ¨सह 64 वर्षीय, देव ¨सह सुरेश महर, हयात ¨सह आदि ने बताया कि खाने को लेकर तो बहुत संदेह होता है। कई लोगों ने रायता नहीं खाया वह भी बीमार हुए, किसी ने पनीर नहीं खाई तो किसी ने दाल व गुलाब जामुन नहीं खाए, लेकिन बरात में आए लगभग सभी लोग बीमार हो गए।

पीड़ितों ने बताया कि ऐसा लगता है कि बीमारी का मुख्य कारण जमा किया गया पानी रहा होगा। बारात आने से पहले गांव के लोगों ने पानी पीने और खाना बनाने के लिए 200 लीटर के ड्रमों में पानी जमा किया था। इसी पानी का उपयोग सभी प्रकार के खाना बनाने में किया गया। अब जिसने इस पानी से बनी चीजें व पीने के लिए इस पानी का उपयोग किया वह बीमार हुआ। इससे पहले भी तो यहां के लोग खा ही रहे थे। वह पनीर, रायता, दूध, राजमा सभी तो खा ही रहे थे। अचानक एक दिन में क्या हुआ। मसाले भी बाहर दुकानों से खरीदकर ही उपयोग करते हैं। उसी दिन ऐसा होना इन खाद्य पदार्थों से संभव नही दिखाई देता।

.......... ड्रम में रखे पानी के नही लिए नमूने जल संस्थान के अधिशासी अभियंता नंद किशोर ने बताया कि उन्होंने टंकी और पानी के स्त्रोत से नमूने जांच के लिए इकठ्ठा किए थे। उन्होंने जमा किए पानी के नमूने नही लिए हैं। विभाग की आधी अधूरी तैयारी से उसकी गंभीरता साफ दिखाई देती हैं। .............

6 किमी दूर स्त्रोत व एक किमी दूर है टंकी

बास्ती गांव को पीने का पानी देने वाला स्त्रोत गांव मे करीब 6 किमी दूर हैं। वही गांव से करीब एक किमी दूरी पर टंकी बनी हुई हैं। यही से जल संस्थान ने नमूने लिए हैं।

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