आशाओं ने भी मांगा दस हजार मानदेय
आशा वर्करों ने न्यूनतम वेतनमान और 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरनारत हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : आशा वर्करों ने न्यूनतम वेतनमान और 11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दिया। उन्होंने कहा स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कही जाने वाली आशाओं की सरकार उपेक्षा कर रही है। जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इस दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश की तर्ज पर उन्हें भी दस हजार रुपये प्रतिमाह देने सहित अपनी लंबित मांगें दोहराई। साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
बुधवार को जिलाध्यक्ष सीमा खान के नेतृत्व में आशाएं तहसील मुख्यालय में एकत्रित हुई। यहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने धरना स्थल पर सभा कर एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी को सौंपा। । वक्ताओं ने कहा उन्हें राज्य में काम करते हुए 12 साल हो गए हैं। बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों की अनसुनी कर रही है। जब से उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की कमान संभाली है, तब से पूरे जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में भारी कमी आई है। इस दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश की तर्ज पर दस हजार रुपये प्रतिमाह देने, वाíषक प्रोत्साहन राशि पूर्व की भांति देने, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन देने, पांच लाख की राशि देने, लंबित भुगतान जल्द करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निजीकरण और एनजीओ को नहीं सौंपने, ड्यूटी के दौरान दुर्घटना होने पर तत्काल राहत, मौत होने पर दस लाख परिजनों को देने सहित 11 सूत्रीय मांगों को दोहराया। उन्होंने कहा अगर जल्द उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगी। इस मौके पर मंजू गड़यिा, गोमती देवी, पुष्पा शाही, पुष्पा देवी, सरस्वती कोरंगा, हीरा कन्याल, मुन्नी देवी आदि मौजूद थे।