वेस्ट मैटिरियल से अर्चना बना रहीं शानदार राखियां

वेस्ट मैटिरियल का भी बखूबी इस्तेमाल हो सकता है। इसे मेलाडुंगरी की अर्चना ने राखियां बनाकर कर दिखया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2020 06:56 AM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2020 06:56 AM (IST)
वेस्ट मैटिरियल से अर्चना बना रहीं शानदार राखियां
वेस्ट मैटिरियल से अर्चना बना रहीं शानदार राखियां

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: वेस्ट मैटिरियल का भी बखूबी इस्तेमाल हो सकता है। इसे मेलाडुंगरी गांव की अर्चना भंडारी ने सच कर दिखाया है। लॉकडाउन में ऑनलाइन शिल्पकला की राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस समय बीस छात्राओं को बेकार पड़ी चीजों से राखी निर्माण की बारीकियां सिखा रही हैं। कोरोना काल के लॉकडाउन में अर्चना की प्रतिभा निखर कर सामने आई। कोरोना वायरस से बचाव के लिए घर में ही मास्क बनाकर बांटे। यूट्यूब से वेस्ट मैटिरियल से उपयोगी वस्तुएं बनाना सीखा। हौसला बढ़ा तो पुराने अखबार, गत्ते व अन्य वेस्ट मैटीरियल का सदुपयोग कर उपयोगी सामान बनाने का प्रशिक्षण दे रही हैं। अर्चना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को नई ऊर्जा प्रदान की है। इस बीच उनकी टीम स्वदेशी अभियान के तहत रक्षाबंधन के त्योहार के लिए राखियां बना रहीं हैं। अर्चना के पास जिले से पांच सौ राखियों की डिमांड है। -------------- बेकार चीजों यह समान बनाया अर्चना सुबह आठ से दस बजे तक हाईस्कूल और ग्रेजुएशन की छात्राओं को राखियां बनाने का प्रशिक्षण देती हैं। उन्होंने कलमदान, पेन स्टैंड, न्यूज पेपर होल्डर, फोटो फ्रेम, ज्वैलरी बॉक्स समेत राखी आदि बनाई हैं। लॉकडाउन के दौरान गुजरात से घर लौटी भावना नयाल अर्चना से यह हुनर सीख रही हैं। -------- वेस्ट मैटिरियल का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है। हुनर और आत्मविश्वास की जरूरत है बस। राखी पर्व पर पांच सौ राखियों की डिमांड है। मेरी टीम ने लक्ष्य हासिल कर लिया है। -अर्चना भंडारी, मेलाडुंगरी, बागेश्वर

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