संस्कृत में ही भारत की संस्कृति

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए शोभायात्रा आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Aug 2017 03:47 PM (IST) Updated:Thu, 24 Aug 2017 03:47 PM (IST)
संस्कृत में ही भारत की संस्कृति
संस्कृत में ही भारत की संस्कृति

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए शोभायात्रा आयोजित की गई। यात्रा में विभिन्न विद्यालयों के हजारों छात्रों ने स्कूली बैंड के साथ प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड संस्कृत अकादमी ने द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए शोभायात्रा निकाली। नुमाइशखेत से निकली शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए पूरे शहर में घूमती रही। जिसमें नगर क्षेत्र के गायत्री विद्या मंदिर, महर्षि विद्या मंदिर, कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल, हिमालयन सेंट्रल स्कूल, सैनिक हाईस्कूल, नेशनल मिशन इंटर कॉलेज, विवेकानंद इंटर कॉलेज, शिशु मंदिर हाईस्कूल, जीजीआईसी, जीआईसी मंडलसेरा, केंद्रीय विद्यालय तथा जीआईसी के छात्र छात्राओं व शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

रैली का शुभारंभ करते हुए विधायक चंदन रामदास ने कहा कि संस्कृत में ही भारत की संस्कृति विद्यमान है। कहा कि संस्कृत पूर्ण तौर पर वैज्ञानिक भाषा है। विकासखंड स्तर पर संस्कृत विद्यालय खुलवाने का आश्वासन दिया। संयोजक दीप चंद्र जोशी ने कहा कि संस्कृत के बिना जीवन शून्य है। उन्होंने छात्र छात्राओं से संस्कृत निष्ठ बनने को कहा। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐंठानी, नगर पालिका अध्यक्ष गीता रावल, ब्लाक प्रमुख रेखा खेतवाल, किशन सिंह मलड़ा, योगाचार्य कमलेश मेहता, हरीश चंद्र सिंह रावत, डॉ. बृजेंद्र जोशी, घनानंद जोशी, किशोरी लाल, मोहन सिंह, गिरीश तिवारी, अंजू डिगारी, नवीन परिहार, हेम पांडे, जगदीश जोशी, निर्मला उपाध्याय, गोपाल कोठारी, राजेश आगरी आदि लोग उपस्थित रहे।

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