बारिश से रबी फसल को मिली संजीवनी

पहाड़ पर गुरुवार की रात्रि व शुक्रवार की सुबह हुई बारिश भले ही काश्तकारों को पूरी राहत नहीं दे पाई मगर रबी की फसल को संजीवनी जरूर मिल गई। समय पर बारिश के कारण इस बार कृषि वैज्ञानिकों ने रबी फसल की अच्छी पैदावार होने की आशा जताई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 03:34 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 03:34 PM (IST)
बारिश से रबी फसल को मिली संजीवनी
बारिश से रबी फसल को मिली संजीवनी

डीके जोशी, अल्मोड़ा

पहाड़ पर गुरुवार की रात्रि व शुक्रवार की सुबह हुई बारिश भले ही काश्तकारों को पूरी राहत नहीं दे पाई, मगर रबी की फसल को संजीवनी जरूर मिल गई। समय पर बारिश के कारण इस बार कृषि वैज्ञानिकों ने रबी फसल की अच्छी पैदावार होने की आशा जताई है।

अक्टूबर माह से बारिश नहीं होने से काश्तकारों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई थी। खासकर नवंबर में गेहूं, जौ आदि की बोआई के बाद तो बारिश हुई ही नहीं। इससे कुछ नमी वाले इलाकों में गेहूं उगा तथा अन्य क्षेत्रों में गेहूं व जौ आधा अधूरा ही उगा। तब से बारिश नही होने से गेहूं व जौ की पौध बारिश के अभाव में पीली पड़ने लगी थी। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार रबी की फसल की बोआई के बाद इस फसल को दिसंबर माह में कम से कम 40 मिलीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है। जो अब तक महज 24 मिलीमीटर ही हो पाई है। 19 अक्टूबर 2021 से बारिश नहीं होने से काश्तकार चिंतित होने लगे। अंतत: गुरुवार की रात्रि तथा शुक्रवार को इंद्रदेव की कृपा काश्तकारों पर रही। बारिश से उनके चेहरे पर नई चमक निखर आई। बारिश नहीं होने से केवल फसल पर ही असर नहीं पड़ रहा था, बल्कि काश्तकारों द्वारा बोई गई शाक भाजी भी झुलसने के कगार पर पहुंच गई थी। लोग जैसे तैसे शाक भाजी के पौधों को घर में पानी की बचत कर बचा रहे थे। बारिश रबी की फसल की दृष्टि से भले ही पर्याप्त नहीं हुई, मगर फिलहाल इससे सूखे का संकट जरूर टल गया। दरअसल जिले में रबी की फसल के कुल कृषि क्षेत्र का सिर्फ पांच प्रतिशत ही सिंचाई सुविधा से जुड़ा है, बाकि 95 प्रतिशत क्षेत्र वर्षा के जल पर ही निर्भर है। इधर विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञानी डा. बीएम पांडे का कहना है कि हालिया बारिश रबी की फसल के लिए लाभकारी साबित होगी। इसका लाभ यह होगा कि फसल की बढ़वार तेजी से होगी।

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जिले में रबी फसल की स्थिति

गेहूं 25000 हेक्टेयर

जौ 4000 हेक्टेयर

मसूर 2500 हेक्टेयर लाई,सरसों 2100 हेक्टेयर

चना 50 हेक्टेयर

मटर 250 हेक्टेयर

बारिश के चलते फिलहाल रबी की फसल पर सूखे का संकट टल गया है। इससे काश्तकारों को राहत मिली है। समय पर बारिश से गेहूं, जौ आदि में जल्द बढ़वार होगी। इसका असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा। वहीं शाक-भाजी उत्पादन के लिए भी बारिश लाभकारी है।

- धनपत कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी

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