अफसरों की भरमार, कर्मचारियों का अकाल

बागेश्वर में कृषि के जरिये पलायन रोकने की सरकार की मंशा कैसे पूरी हो विभाग में कर्मचारियों की तादात बेहद कम।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 01:37 AM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 05:08 AM (IST)
अफसरों की भरमार, कर्मचारियों का अकाल
अफसरों की भरमार, कर्मचारियों का अकाल

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : भले ही सरकार कृषि के जरिये पलायन रोकने और आजीविका संवर्धन की बात करती हो लेकिन कृषि विभाग के हाल ही बेहद खराब है। विभाग में अधिकारी तो हैं लेकिन काश्तकारों तक पहुंच रखने वाले कर्मचारियों की संख्या न के बराबर है। ऐसे हालातों में किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी यह यक्ष प्रश्न है।

कृषि विभाग में मुख्य कृषि अधिकारी, कृषि रक्षाधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी तैनात हैं। इसके अलावा जिले के 35 न्याय पंचायतों में केवल 11 न्याय पंचायत प्रभारी हैं। कपकोट ब्लाक 3, बागेश्वर 5 व गरुड़ ब्लाक में 3 प्रभारी तैनात हैं। एक पंचायत प्रभारी के पास 25 गांव हैं। जबकि यही प्रभारी कृषि विभाग की रीढ़ है। ऐसे हालात में बीज बांटने से लेकर तकनीकी का आदान-प्रदान तक काश्तकारों को नहीं हो रहा है। इसके अलावा कार्यालय में जेई का पद खाली है। ऐसे में निर्माण कार्य भी ठप हैैं। विभाग में ग्रुप एक में 3 कर्मचारियों के स्थान पर एक ही है। लेखाकार, सहायक लेखाकार, कैशियर के पद रिक्त चल रहे हैं। --

विभाग में कर्मचारी नहीं होने से दिक्कतें हो रही है। उच्चाधिकारियों को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है। उम्मीद है जल्द ही कुछ किया जाएगा।

-वीके मौर्या, मुख्य कृषि अधिकारी, बागेश्वर

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