भाड़ा न देने पर कोटेदारों के तेवर तल्ख, बोले- धमका रहा विभाग

अल्मोड़ा में केंद्रीय खाद्य योजना का राशन बांटे जाने के बाद भाड़ा नहीं मिलने पर कोटेदारों ने खोला मोर्चा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Sep 2020 09:24 AM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 09:24 AM (IST)
भाड़ा न देने पर कोटेदारों के तेवर तल्ख, बोले- धमका रहा विभाग
भाड़ा न देने पर कोटेदारों के तेवर तल्ख, बोले- धमका रहा विभाग

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : लॉकडाउन की अवधि में केंद्रीय खाद्य योजना का राशन बांटे जाने के बावजूद बिल भुगतान न होने से नाराज कोटेदारों ने विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने भुगतान न होने तक रसद का उठान न किए जाने की घोषणा का हवाला देते हुए कहा कि अब विभाग राशन विक्रेताओं को धमकाने पर उतर आया है। उन्होंने सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दी है।

बताते चलें कि वैश्विक महासंकट के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में राशन का पर्याप्त स्टॉक रखने के मकसद से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्यान्न व अन्य योजनाएं शुरू की गई थीं। इसके तहत दुर्गम तक राशन पहुंचाने का जिम्मा कोटेदारों को दिया गया था। मगर तीन माह का बिल भुगतान अब तक न दिए जाने से राशन विक्रेता लामबंद हो गए थे। उन्होंने भुगतान न होने तक खाद्य सामग्री का उठान बंद करने का ऐलान कर दिया था। इस बीच कोटेदार रसद उठा भी नहीं रहे।

इधर सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ ने विभाग पर बगैर भुगतान कराए राशन उठान के लिए डराने धमकाने का आरोप लगाया है। उनका तर्क है कि निजी खर्च से लॉकडाउन के दौरान माल ढुलान कराया गया। मगर राज्य सरकार व विभाग उनकी उपेक्षा पर आमादा है। दो टूक चेतावनी दी कि यदि उत्पीड़न बंद न किया गया तो जिले भर के कोटेदार विरोध में सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। यह भी कहा है कि सामूहिक त्यागपत्र देकर राजकीय खाद्यान्न गोदामों के बाहर अनशन किया जाएगा। जिलाध्यक्ष दिनेश गोयल, जिला मंत्री मनोज वर्मा, कोषाध्यक्ष अभय साह ने इसी सिलसिले में जिला पूर्ति अधिकारी को ज्ञापन भी भेजा है।

====

'उत्पीड़न संबंधी आरोप निराधार हैं। हम तो पहले ही राशन विक्रेताओं के बकाए बिल भुगतान के लिए शासन को लिख चुके हैं। शासन के निर्देशों के आधार पर ही विक्रेताओं से राशन उठाने के लिए कहा जा रहा है।

- सीमा विश्वकर्मा, एसडीएम व प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी' == ==

chat bot
आपका साथी