सेना से अब सिविल तक 'हनी ट्रैप' का मायाजाल

संवाद सहयोगी, रानीखेत : खुफिया तरीके से दुश्मन को मात देने वाले शातिर खेल का अहम हथियार 'ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Nov 2018 11:09 PM (IST) Updated:Thu, 08 Nov 2018 11:09 PM (IST)
सेना से अब सिविल तक 'हनी ट्रैप' का मायाजाल
सेना से अब सिविल तक 'हनी ट्रैप' का मायाजाल

संवाद सहयोगी, रानीखेत : खुफिया तरीके से दुश्मन को मात देने वाले शातिर खेल का अहम हथियार 'हनी ट्रैप' का मायाजाल सेना तक ही सीमित नहीं रहा। अब विदेशी एजेंट के निशाने पर सिविल नागरिक भी आ गए हैं। तहकीकात में जुटे साइबर विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर गौर करें तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हुस्न का जाल बिछा यह शातिर गिरोह पूर्व सैनिकों का भरोसा जीत उन्हें भी अपना शिकार बनाने लगे हैं। खासकर एकाकी जीवन जी रहे धनाढ्य बुजुर्ग मुख्य टारगेट हैं। सैनिक बहुल उत्तराखंड के रूड़की, रूद्रपुर के अलावा अकेले अल्मोड़ा जनपद में ऐसे तीन मामले इसकी तस्दीक कर रहे।

सेना के बाद 'हनी ट्रैप' का खेल अब निचले स्तर पर सिविलयंस की ओर बढ़ रहा है। केस स्टडी में जुटे साइबर विशेषज्ञों की मानें तो हुस्न का लालच दिखा सेना के अधिकारियों को अपने जाल में फंसा उनका दिल व भरोसा जीत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण खुफिया जानकारिया हासिल करने की साजिश होती रही है। चिंताजनक पहलू यह कि अब इसका दायरा एकाकी जीवन जी रहे धनाढ्य लोगों की ओर बढ़ गया है। गोपनीय जाच चल रही है। उत्तराखंड पुलिस जन जागरूकता को बचाव का सटीक हथियार मान अत्याधुनिक तकनीक से हैकर तक पहुंचने की जुगत में है।

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केस नंबर-एक :

अल्मोड़ा जनपद के एक भूतपूर्व सैनिक के फेसबुक पर विदेशी महिला फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती है। अपने सारे राज व खूबी बता भरोसा जीत लेती है। बुजुर्ग फौजी झासे में आकर दोस्ती कर लेता है। नतीजा, विदेशी महिला के अकाउंट पर ढाई लाख रुपये भेज देता है। बाद में माथा ठनकने पर गोपनीय शिकायत।

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केस नंबर- दो :

एक बैंक शाखा का कर्मचारी फेसबुक पर विदेशी महिला की खूबसूरती पर फिदा होकर फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर लेता है। महिला भरोसा जीतने के बाद विदेश से गिफ्ट भेज डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लेती है।

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केस नंबर- तीन :

इस केस में भारतीय महिला विदेशी महिला से दोस्ती कर बैठी। 25 हजार रुपये भरोसा कर गंवाए लेकिन फिर ठगे जाने का अहसास होने पर सतर्क हो गई।

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एटीएम का क्लोन तैयार करने वालों तक पहुंचे हाथ

एटीएम का क्लोन तैयार कर ऑनलाइन शॉपिंग व खाते से रुपये उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह तक पुलिस के हाथ पहुंच गए हैं। बीते वर्ष स्कीमर डिवाइस के जरिये अल्मोड़ा से एटीएम हैक कर दिल्ली व सितारगंज से रुपये निकालने वाले गैंग के मास्टर माइंड तक पुलिस पहुंच गई है। सूत्रों की मानें तो गिरोह आइटी के शातिर छात्र चला रहे जो गोंडा (उत्तर प्रदेश) से ताल्लुक रखते हैं।

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'हनी ट्रैप से जुड़े मामलों का हम अध्ययन कर रहे हैं। अंदेशा है कि ये तीनों मामलों में विदेशी एजेंट ही लिप्त हैं जो खूबसूरती के जाल में फंसा संबंधित व्यक्ति को अपना शिकार बनाते हैं। जरूरी नहीं कि फेसबुक चलाने वाली महिला ही हो, पुरुष एजेंट भी यह सब करते हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ इस मामले में कुख्यात है। अब तक की केस स्टडी से पता लगा है कि हनी ट्रैप का यह शातिर खेल सेना तक सीमित न रह कर अब धनाढ्य सिविल नागरिक खासकर पूर्व सैनिकों को भी निशाने पर लेने लगा है। बहुत जल्द इन मामलों का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।

- संदीप सिंह, विशेषज्ञ साइबर सेल उत्तराखंड पुलिस'

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