बिल्डर प्रकरण पर दो ग्रामसभाएं आमने-सामने

By Edited By: Publish:Mon, 15 Sep 2014 11:15 PM (IST) Updated:Mon, 15 Sep 2014 11:15 PM (IST)
बिल्डर प्रकरण पर दो ग्रामसभाएं आमने-सामने

जागरण संवाददाता, रानीखेत : बहुचर्चित बिल्डर प्रकरण पर नया मोड़ आ गया है। पंचायत सचिव पर ग्रामीणों को गुमराह कर फर्जी हस्ताक्षर तथा बिल्डर कंपनी को भूमकिया स्रोत से पेयजल संयोजन के मामले में दो ग्राम पंचायतें आमने-सामने आ गई हैं। एक पक्ष जहां कनेक्शन न देने पर अड़ा है, वहीं दूसरे ने भी मोर्चाबंदी कर एक ही स्रोत से संयोजन देने की मांग उठाई है। इस मामले में एसडीएम को ज्ञापन भी दिया गया है। इस घटनाक्रम से माहौल और गरमा गया है।

याद रहे दो दिन पूर्व ग्राम पंचायत वलना के ग्रामीणों ने बिल्डर कंपनी वाणी कॉन्स्ट्रक्शन को भूमकिया जलस्रोत से जबरन व्यावसायिक संयोजन दिलाए जाने का आरोप लगाया था। एसडीएम को दिए शिकायती पत्र में बाकायदा पंचायत सचिव पर बिल्डर से साठगांठ कर रिजॉर्ट को पानी देने संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए धोखाधड़ी से हस्ताक्षर कराने की भी तोहमत मढ़ी थी। तर्क दिया था कि इससे ग्वाड़ एस्टेट की बड़ी आबादी जहां पानी को तरस जाएगी, वहीं सिंचाई का संकट पैदा होने से बागान एवं खेती चौपट हो जाएगी।

इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। ग्राम पंचायत बधाण-चिलियानौला के दर्जनों ग्रामीण एसडीएम दफ्तर जा पहुंचे। कहा कि ग्वाड़ एस्टेट के लोग वर्षो से भूमकिया स्रोत के बहते पानी का व्यावसायिक उपयोग करते आ रहे हैं। ग्रामसभा बधाण व अन्य को लाभ नहीं लेने दिया जाता। ग्वाड़ वाले अन्य स्रोतों से भी पानी ले रहे हैं। यह भी आरोप लगाया कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। मगर आंदोलन की चेतावनी न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव का प्रयास है। उन्होंने कहा वाणी कॉन्स्ट्रक्शन ने क्षेत्र में इको टूरिज्म इकाई स्थापित की है। वहां युवा ग्रामीणों को रोजगार भी दिया जा रहा है। बीती नौ सितंबर को ग्रामसभा की खुली बैठक में बिल्डर को भूमकिया स्रोत से सौ मीटर नीचे की ओर बहते पानी से संयोजन के लिए सशर्त अनुमति दी गई। साथ ही मामले में जांच व संयोजन दिलाए जाने की मांग उठाई।

इस मौके पर प्रधान गोपाल आर्या, बीडीसी मदन कुवार्बी, चंदन आर्या, नवीन सिंह कुवार्बी, पूरन सिंह, राजेंद्र बिष्ट, प्रताप सिंह कुवार्बी, नंदन सिंह, मनोज सिंह बोरा, नारायण सिंह बोरा, इंद्र सिंह, हरीश चंद्र, बलविंदर सिंह, बचे सिंह, जीवन सिंह बिष्ट आदि तमाम लोग उपस्थित थे।

========

ग्राम पंचायत बधाण का तर्क -

वाणी कॉन्स्ट्रक्शन ने राज्य सरकार की अनुमति से ग्रामसभा बधाण में ईको-टूरिज्म इकाई स्थापित की है। पर्यटन विकास के मकसद से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के मकसद से अनुदान मंजूर किया है। कंपनी ने करीब 20 परिवारों के एक-एक सदस्य को इकाई में रोजगार भी दिया है। इकाई के लिए पेयजल संयोजन को कंपनी ने कुमाऊं-गढ़वाल जल अधिनियम संचय एवं वितरण की धारा-आठ के तहत एसडीएम से अनुमति दी गई है।

===============

ग्राम पंचायत वलना का तर्क

ग्वाड़ एस्टेट फल एव सब्जी उत्पादक बेल्ट है। यही आजीविका का साधन भी है। डेढ़ इंच की पाइप लाइन व बहते पानी से यदि व्यावसायिक क्षेत्र को संयोजन दिया गया तो खेती चौपट हो जाएगी और वलना ग्रामसभा के लिए पेयजल संकट पैदा हो जाएगा। बिल्डर कंपनी को निजी व्यावसायिक कनेक्शन लेना चाहिए।

chat bot
आपका साथी