अल्मोड़ा पिथौरागढ़ में कम तो बागेश्वर-चम्पावत में बढ़ा मतदान प्रतिशत

बृजेश तिवारी अल्मोड़ा लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की खामोशी की असर मतदान पर भी पड़

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Apr 2019 12:15 AM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2019 12:15 AM (IST)
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ में कम तो बागेश्वर-चम्पावत में बढ़ा मतदान प्रतिशत
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ में कम तो बागेश्वर-चम्पावत में बढ़ा मतदान प्रतिशत

बृजेश तिवारी, अल्मोड़ा

लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की खामोशी की असर मतदान पर भी पड़ा है। इस बार जहां अल्मोड़ा जिले का मतदान 50 फीसदी का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया। वहीं संसदीय क्षेत्र के पिथौरागढ़ जिले में भी मतदान की संख्या पिछली बार की तुलना में काफी कम रही। लेकिन चम्पावत और बागेश्वर जिले में इस बार मतदान में वृद्धि दर्ज की गई है।

गुरुवार को आयोजित लोकसभा चुनावों के लिए इस बार निर्वाचन आयोग ने मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्वीप के तहत अनेक जागरूकता कार्यक्रम कराए। लेकिन इसके बाद भी अल्मोड़ा लोकसभा सीट में मत का प्रतिशत नहीं बढ़ पाया। शाम पांच बजे के बाद जब मतों की गिनती की गई तो लोकसभा सीट के चारों जिलों में मतदान का प्रतिशत काफी कम पाया गया। मत प्रतिशत गिरने से जहां प्रशासन भी सकते में हैं। वहीं राजनीतिक दलों के आकाओं के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें दिखने लगी है।

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चंपावत में 4.13 व बागेश्वर में .19 प्रतिशत बढ़ा मतदान

लोकसभा में शामिल चार जिलों में से इस बार चंपावत जिले में मतदान प्रतिशत बढ़ा है। इस बार यहां मतदान में 4.13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले चुनावों में यहां मत प्रतिशत 52 प्रतिशत था जो इस बार बढ़कर 56.13 हो गया है। इसी तरह बागेश्वर में भी इस बार .19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

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इस बार बढ़ गए थे करीब नब्बे हजार वोटर

वर्ष 2019 के चुनावों में पिछले चुनाव की तुलना में करीब नब्बे हजार से अधिक वोटर बड़े थे। लेकिन इसके बाद भी मतदान का प्रतिशत कम होना चिंता का विषय है। वर्ष 2014 के चुनावों में इस संसदीय सीट पर 1,230,757 मतदाता थे। जबकि इस बार इस लोकसभा सीट पर 1,321,658 मतदाता थे। लेकिन मतदाताओं के बढ़ने के बाद भी मतदान का प्रतिशत कम होता चला गया।

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वायदों पर अमल न होने से घटने लगा है विश्वास

संसदीय सीट अल्मोड़ा की बात करें तो चुनावों के दौरान नेताओं द्वारा किए जाने वाले वायदों के पूरा न होने के कारण इस बार मतदान प्रतिशत पर इसका असर पड़ा है। बेरोजगारी, महंगाई समेत अनेक मुद्दे ऐसे हैं जिन पर लोगों को हमेशा परेशानी का ही सामना करना पड़ा है। ऐसे में जहां मतदाताओं को चुनावों से मोहभंग हो रहा है। वहीं नेताओं की कार्यप्रणाली पर भी उनमें गहरी नाराजगी है।

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पिछले और इस चुनावों में कितना रहा अंतर

जिला - वर्ष 2014 - वर्ष 2019

अल्मोड़ा - 53.75 - 47.88

बागेश्वर - 57.00 - 57.19

पिथौरागढ़ - 53.00 - 52.01

चंपावत - 52.00 - 56.13

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