..और फिर बारिश ने ठप की जलापूर्ति

By Edited By: Publish:Tue, 29 Jul 2014 09:50 AM (IST) Updated:Tue, 29 Jul 2014 09:50 AM (IST)
..और फिर बारिश ने ठप की जलापूर्ति

::::पेयजल संकट:::

= अल्मोड़ा में सुचारू व्यवस्था टेड़ीखीर, किरकिरी

= नदी के बढ़े जल स्तर को देख बंद किए पंप

= एक लाख की आबादी को पेयजलापूर्ति प्रभावित

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: बरसात में नगर की पेयजलापूर्ति इंतजाम चौकस रखना टेड़ीखीर बनी है। चंद रोज राहत के बाद रविवार की रात फिर बारिश रोड़ा बनी और पेयजलापूर्ति ठप हो गई। कोसी पंपिंग योजना के तीनों पंपों ने काम करना बंद कर दिया और जनता पेयजल को पेयजल मुहैया नहीं हो सका। व्यवस्था पुख्ता नहीं होने के कारण बरसात में पानी की बौछार के बावजूद संकट से आक्रोश है।

गत रविवार रात और सोमवार की तड़के भारी बारिश नगर की करीब एक लाख की आबादी के पेयजल का आधार कोसी पंपिंग पेयजल योजना पर भारी पड़ गई। बारिश से कोसी नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया और कोसी नदी में लगे तीन पंपों की मोटरों का खतरे की आशंका से हटाकर पंप बंद करने पड़े। जिससे नगर में पेयजल की आपूर्ति फिर ठप हो गई। बार-बार इस स्थिति ने जनता को पेयजल के लिए दुखी कर दिया है और वहीं बरसात में नियमित रूप से पानी पिलाने में अक्षम जल संस्थान की किरकिरी हो रही है। ये हालात जनता में भारी गुस्सा पैदा कर रहे हैं। गौरतलब है कि गत 17 जुलाई को भारी वर्षा के चलते सिल्ट आने से योजना के पंप ठप हो गए थे और 5 दिनों तक नगरवासी पेयजल को तरसे। इससे पहले अपर्याप्त व गंदा पानी मिलने की समस्या खड़ी हुई थी। पांच दिनों बाद पंपों ने काम करना शुरू किया, तो बिजली का फॉल्ट रोड़ा बन गया। चंद रोज पूर्व ही व्यवस्था पटरी पर आई थी कि गत रविवार की रात व सोमवार की तड़के हुई बारिश ने फिर व्यवस्था ठप कर दी। नगर को पानी पिलाने वाले सर्किट हाउस टैंक, पातालदेवी टैंक व एडम्स टैंक खाली पड़े हैं।

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बारिश से कोसी नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। जिससे काफी सिल्ट बहकर आ रही है। नदी के तेज बहाव से सुरक्षा की दृष्टि से पंप को बंद करना पड़ा है। इस कारण दिक्कत खड़ी हो रही है।

:::बीएस देवड़ी, जेई, जल संस्थान अल्मोड़ा

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अब बैराज बनने का इंतजार!

अल्मोड़ा: योजना पर करोड़ों का खर्चा हो चुका है, किंतु इस वैज्ञानिक युग में भी अल्मोड़ा की पेयजल योजना में नदी के सिल्ट से निजात पाने का इंतजाम नहीं हो सका। इसे रोकने के लिए बैराज बनाकर सिल्ट ब्रेक सिस्टम लग सकता है अथवा इनफिलेटेड वेल सिस्टम स्थापित किया जा सकता है। मगर योजना का पंपिंग सिस्टम का स्ट्रक्चर पुराना होने के कारण जल संस्थान ऐसा कर पाने को संभव नहीं बता रहा। इसके लिए जल संस्थान को कोसी में बन रहे बैराज का इंतजार है, मगर यह बैराज भी शैशव अवस्था में है। जिससे समस्या पर प्रश्नचिह्न बरकरार है।

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