अल्मोड़ा में लाइनों से रोजाना लीक हो रहा 85 हजार लीटर पानी
गर्मी का मौसम और उस पर पेयजल लाइनों से लीकेज उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ा रहा है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : गर्मी का मौसम और उस पर पेयजल लाइनों से लीकेज उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ा रहा है। नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अरसे से बनी इस समस्या को विभाग अभी तक दुरुस्त नहीं कर सका है। नगर व आसपास के क्षेत्रों में 85 हजार लीटर पानी पेयजल लाइनों से लीकेज के कारण प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है। लीकेज से घरों तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवश्यकता की पूíत आसपास के धारों व नौलों से की जा रही है।
नगर के उपभोक्ताओं को जल संस्थान पेयजल उपलब्ध कराता है। लेकिन लाइनों की मॉनीटरिग नहीं होने से पेयजल लीकेज बढ़ता जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं रास्ते तथा इधर-उधर अन्य क्षेत्रों में अमूल्य पेयजल की नाहक बर्बादी हो रही है। नगर के उपभोक्ताओं को 24 घंटे में एक बार आपूíत की जाती है, जो जगह-जगह लाइन लीकेज के चलते अपर्याप्त होता है।
नगर व आसपास के क्षेत्रों के 1.10 लाख उपभोक्ताओं को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 16 एमएलडी( मिलियन लीटर पर डे) पानी की आवश्यकता है, लेकिन इसके सापेक्ष मात्र 8.5 एमएलडी ही उपलब्ध हो रहा है। इसका लगभग एक प्रतिशत यानी 85 हजार लीटर पानी रोजाना लीकेज के कारण बर्बाद हो रहा है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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क्या कहते हैं उपभोक्ता
अल्मोड़ा : लक्ष्मेश्वर वार्ड के रमेश नेगी, बद्रेश्वर वार्ड के दिनेश पंत, बालेश्वर वार्ड के मनोज पांडे, त्रिपुरा सुंदरी वार्ड के कमलेश जोशी का कहना है कि जल संस्थान को समय-समय पर पेयजल लाइनों को चेक करना चाहिए। यदि कहीं लीकेज जैसी समस्या आती है तो इसका त्वरित निराकरण किया जाना चाहिए।
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वर्जन
जल संस्थान उपभोक्ताओं के हितों के लिए गंभीर है। जल्द ही अभियान चलाकर सभी वार्डो के पेयजल लाइनों से लीकेज रोकने के लिए कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए महकमे की ओर से विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
-केएस खाती, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान