कोसी में कारतूस के धमाके !

रानीखेत/गरमपानी : कोसी का जल स्तर बढ़ते ही जल की 'रानी' के दुश्मन भी सक्रिय हो गए हैं। घाटी क्षेत्र

By Edited By: Publish:Sat, 28 Mar 2015 11:09 PM (IST) Updated:Sun, 29 Mar 2015 04:34 AM (IST)
कोसी में कारतूस के धमाके !

रानीखेत/गरमपानी : कोसी का जल स्तर बढ़ते ही जल की 'रानी' के दुश्मन भी सक्रिय हो गए हैं। घाटी क्षेत्र में सैर सपाटे के बहाने पहुंच रहे लोग अवैध रूप से कारतूस का इस्तेमाल कर मछलियों को मार रहे हैं। इससे छोटी-छोटी मछलियों को भी जान गंवानी पड़ रही है। वहीं, विस्फोटक के इस्तेमाल से आसपास की कमजोर पहाड़ियों के लिए भी खतरा बढ़ने की आशंका है। इधर, तहसीलदार ने नदी क्षेत्र की निगरानी के लिए राजस्व पुलिस को नियमित मॉनीट¨रग के निर्देश दिए हैं।

गर्मी में कोसी घाटी में मछलियों का शिकार ज्यादा होता है। इस बार अच्छी बारिश के चलते जल स्तर पिछले वर्षो की तुलना में बढ़ा है। इसीलिए शिकारी विस्फोट कर मछलियों को मार रहे हैं। आए दिन नदी क्षेत्र में धमाकों से परेशान स्थानीय लोगों ने प्रशासन से शिकायत की है। लोगों के अनुसार खैरना-रानीखेत पुल के नीचे, लोहाली, पाडली आदि स्थानों पर सैर सपाटे के बहाने पहुंच रहे लोग अवैध रूप से कारतूसों का इस्तेमाल कर मछलियां मार रहे हैं। विस्फोटक से जहां अन्य छोटी मछलियों को नुकसान हो रहा है, वहीं अतिसंवेदनशील पहाड़ियों के लिए भी खतरे के आसार हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बिशन सिंह जंतवाल, दिलीप सिंह बोरा आदि ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है। शिकायत पर तहसीलदार नितेश डागर ने अवैध रूप से कारतूस के इस्तेमाल पर अंकुश के लिए राजस्व पुलिस को नियमित मॉनीट¨रग के निर्देश दिए हैं।

=== इंसेट===

हर लिहाजा से मोल रहे खतरा

कोसी नदी में नहाने के फेर में कइयों की जान जा चुकी है। इससे बेपरवाह लोग अब मछलियों के शिकार के लिए नदी क्षेत्र में घुसपैठ करने लगे हैं। ग्रामीणों के अनुसार कारतूस से मछलियां मारने के बाद उन्हें एकत्र करने के लिए लोग नदी में भी उतर जाते हैं। ऐसे में बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता।

=== कोट===

'नदियों में विस्फोटक का इस्तेमाल अवैध है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों पर राजस्व टीम नजर रखेगी। कोई भी विस्फोटक का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया तो उस पर कार्रवाई होगी। संबंधित राजस्व उपनिरीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी के निर्देश दिए हैं।

- नितेश डागर, तहसीलदार कोश्या कुटौली'

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